Sanjauli Masjid का अवैध निर्माण टूटेगा, 14 साल बाद आया फैसला, कोर्ट ने कहा- मस्जिद कमेटी 2 महीने में खुद तोड़े 3 मंजिल

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 05, 2024, 07:20 PM IST

Sanjauli Masjid को लेकर हिमाचल प्रदेश में पिछले दिनों शिमला में जबरदस्त सांप्रदायिक तनाव पनप गया था. हिंदू समुदाय के हजारों लोग मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे.

Sanjauli Masjid Dispute: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की विवादित संजौली मस्जिद (Sanjauli Masjid) को लेकर बड़ा फैसला आया है. शिमला नगर निगम कोर्ट ने मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया है. नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने फैसले में मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को गैर कानूनी तरीके से बनाए जाने की पुष्टि की है और कहा है कि दूसरी, तीसरे और चौथी मंजिल को गिराना होगा. मस्जिद कमेटी को ही 2 महीने के अंदर खुद यह अवैध निर्माण ध्वस्त करना होगा. बता दें कि शिमला के उपनगर संजौली में इस मस्जिद को लेकर पिछले दिनों हिंदू समुदाय भड़ककर सड़कों पर उतर आया था. शिमला की सड़कों पर हजारों हिंदुओं ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था. मस्जिद प्रबंधन पर स्थानीय डेमोग्राफी बदलने की कोशिश केभी आरोप लगाए थे. इसके बाद यह मुद्दा गर्मा गया था.

14 साल बाद आया केस में फैसला

संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ करीब 14 साल पहले नगर निगम कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया गया था. तब से ही निगम आयुक्त कोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रही है. अब 46वीं सुनवाई पर इस मामले में फैसला सुनाया गया है. निगम आयुक्त ने कहा कि वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी 2 महीने के अंदर अपने खर्च पर तीनों अवैध मंजिलों को ध्वस्त करेगी. मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी, जिस पर आदेश के पालन का आकलन किया जाएगा. वक्फ बोर्ड के वकील भूप सिंह ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है.

मस्जिद कमेटी ने कहा था कि खुद गिराएंगे अवैध हिस्सा

हिंदू समुदाय के जबरदस्त आंदोलन के बीच संजौली मस्जिद कमेटी ने इसे लेकर एक लिखित आवेदन दिया था. निगम कोर्ट को दिए लिखित आवेदन में मस्जिद कमेटी ने विवादित हिस्से के अवैध नहीं होने का दावा किया था, लेकिन कोर्ट के अवैध घोषित करने पर खुद इस हिस्से को तोड़ने की बात कही थी. अब वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को ये ध्वस्तीकरण अपने खर्च पर ही करना होगा. 

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