डीएनए हिंदी: पात्रा चॉल जमीन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत (sanjay Raut) को रविवार देर रात ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले शिवसेना नेता के घर ED की टीम ने करीब 9 घंटे छापेमारी की. इस दौरान राउत के घर से ईडी को 11.5 लाख रुपये कैश बरामद हुए.
ईडी संजय राउत को लेकर कोर्ट पहुंच गई है. कोर्ट में उनके भाई सुनील राउत भी उनके साथ हैं. कोर्ट के बाहर संजय के समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने हाथ जोड़कर समर्थकों का अभिवादन किया. कोर्ट रूम के बाहर भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है.
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ कर रही है. इससे पहले संजय राउत के वकील ने दावा कि था कि राउत को सिर्फ पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर ले जाया गया है. हालांकि ईडी ने देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मुंबई के 1,000 करोड़ के पात्रा चॉल घोटाले के मामले में संजय राउत को आरोपी बनाया गया है.
Patra Chawl Land Scam: पात्रा चॉल घोटाला क्या है? क्यों संजय राउत को किया गया है गिरफ्तार
संजय राउत के समर्थन में आई कांग्रेस
वहीं, इस मामले में कांग्रेस ने संजय राउत का समर्थन किया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, संजय राउत दृढ़ विश्वास और साहस के व्यक्ति हैं. हम संजय राउत के साथ हैं. संजय राउत ने सिर्फ एक अपराध किया है कि वह भाजपा की डराने-धमकाने वाली राजनीति के सामने नहीं झुके हैं.
रविवार को हुई थी छापेमारी
बता दें कि ईडी की टीम रविवार सुबह 7 बजे मुंबई के भांडुप स्थित संजय राउत के घर छापेमारी करने पहुंची थी. दिनभर उनसे पूछताछ जारी रही. ईडी ने राउत के घर से 11.5 लाख रुपये का कैश भी बरामद किया. इसके बाद उन्हें ईडी दफ्तर ले जाया गया. ईडी ने देर रात 12 बजे उनकी गिरफ्तारी दिखाई.
कौन फैला रहा है धार्मिक कट्टरता? असदुद्दीन ओवैसी ने NSA अजीत डोभाल से पूछे सवाल
.
क्या है पूरा मामला
संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत 2007 से हुई. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है. 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रिडिवेलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया. यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था.
म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं. रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे. म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए. ED ने बताया था कि 2010 में प्रवीण राउत को इक्विटी बिक्री और लैंड डील के लिए 95 करोड़ रुपये मिले थे. हालांकि, कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाया था. कुल मिलाकर प्रवीण राउत, राकेश वधावन और सारंग वधावन ने रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये हेरफेर किए.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.