विपक्षी चेहरे पर फिर माथापच्ची, क्या कांग्रेस की ममता से होगी सुलह ?

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 10, 2021, 10:53 AM IST

राहुल से राउत की मुलाकात को विपक्षी एकता की नई शुरुआत के तौर देखा जा रहा है. संभावनाएं हैं कि ममता को साधने में कांग्रेस शिवसेना की मदद ले सकती है.

डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तीसरी बार जीत के बाद TMC नेताओं ने ममता की ब्रांडिंग शुरू कर दी है. उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने सबसे मजबूत विपक्षी नेता माना जा रहा है. ऐसे में ममता का उभरना कांग्रेस के लिए चुनौती बन रहा है. वहीं ममता बनर्जी स्वयं भी कांग्रेस की ताबड़तोड़ आलोचना करने में जुट गईं हैं. ऐसे में शिवसेना नेता संजय राउत की मुलाकात राहुल गांधी से होना विपक्षी दलों में पक रही किसी नई खिचड़ी का संकेत देता है.

राहुल और राउत की मुलाकात 

महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन की दो प्रमुख पार्टियां एनसीपी और शिवसेना इस वक्त ममता बनर्जी से प्रभावित प्रतीत होती हैं. इसी बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, “राहुल गांधी से लंबी राजनीतिक चर्चा हुई है. संदेश यही है कि सबकुछ ठीक है. राहुल गांधी से जो बात हुई, वो सीएम उद्धव को बताऊंगा.” 

और पढ़ें- UP Elections: यूपी के सियासी 'योद्धाओं' में कौन सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा?

विपक्षी एकता की कवायद 

शिवसेना लगातार विपक्षी एकता का बिगुल फूंक रही है. ऐसे में राहुल से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा, “विपक्ष की एकजुटता पर चर्चा की गई. हमने यह पहले से कहा है कि विपक्ष का अगर कोई एक फ्रंट बनता है तो कांग्रेस के बिना संभव नहीं है, उस बारे में जरूर चर्चा हुई है. राहुल की मुंबई यात्रा की जानकारी देते उन्होंने राउत ने कहा, “ राहुल गांधी मुंबई में आने वाले हैं. जल्द ही उनका कार्यक्रम बन रहा है. मुझे लगता है कि ज्यादा बात करना उचित नहीं है.”

और पढ़ें- कैसे बैकफुट पर होने के बावजूद संसद में विपक्ष को बिखेरने में सफल मोदी सरकार

ममता भी कर चुकी हैं मुलाकात 

गौरतलब है कि हाल ही में प.बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र दौरा किया था. इस दौरान ममता ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. ऐसे में पहले ममता की शिवसेना नेताओं से मुलाकात और फिर राहुल गांधी की संजय राउत से मुलाकात ये दर्शाती है कि विपक्षी ‌एकता को माथापच्ची एक बार फिर शुरू हो गई है. वहीं इस पूरी माथापच्ची की वजह मुख्य विपक्षी चेहरा तय करने की चुनौती है.

भाजपा कांग्रेस शिवसेना संजय राउत ममता बनर्जी