डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोर्टरूम के अंदर कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या (Sanjeev Jeeva Murder) के लिए सरेआम फायरिंग में घायल हुई डेढ़ साल की बच्ची लक्ष्मी की हालत अब स्थिर है. लक्ष्मी का हाल पूछने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर (KGMU Trauma Center) में पहुंचे. उन्होंने बच्ची का हालचाल पूछा. डॉक्टरों से भी उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. साथ ही उन्हें इलाज में कोई भी कोताही नहीं बरतने के निर्देश भी दिए.
इमरजेंसी सर्जरी यूनिट में मची रही खलबली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बच्ची का हाल जानने के लिए केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी सर्जरी यूनिट में पहुंचे. उन्होंने डेढ़ साल की घायल बच्ची के सिर पर हाथ फेरकर प्यार जताया. इसके बाद उन्होंने उसका हालचाल पूछा. फिर उसे एक चॉकलेट दी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने बच्ची के माता-पिता से भी बातचीत की. फिर उन्होंने बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों से उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछा. उन्हें बताया गया कि बच्ची की हालत में अब पहले से सुधार है. इस पर उन्होंने कोई भी लापरवाही नहीं करने की ताकीद की. इसके बाद उन्होंने वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों से भी बात की. इस दौरान उनके साथ डीजीपी, एडीजी जोन और लखनऊ के जिलाधिकारी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री जब तक ट्रॉमा सेंटर में मौजूद रहे, वहां के स्टाफ में खलबली मची रही.
मां की उंगलियों को चीरकर लगी थी बच्ची को गोली
लखनऊ कोर्ट में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर वकील के भेष में आए हत्यारों ने फायरिंग की थी. बुधवार दोपहर फायरिंग के समय लक्ष्मी अपनी मां नीलम की गोद में थी, जो अपने एक केस के सिलसिले में अपने पति के साथ कोर्ट रूम के अंदर आई हुई थी. गोलियों की आवाज सुनते ही नीलम ने वहां से दौड़ना चाहा. इसी दौरान उसकी उंगलियों को चीरकर कंधे पर सिर रखकर सो रही लक्ष्मी को गोली जा लगी थी. बच्ची को पहले पुलिस और वकीलों की मदद से बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया था. जहां फर्स्ट एड करने के बाद उसे ट्रॉमा सेंटर में रेफर कर दिया गया था. ट्रॉमा सेंटर में सर्जरी कर बच्ची की गोली निकाल दी गई थी.
डॉक्टर बोले, उंगलियों से टकराकर गोली लगने के कारण बची जान
बच्ची को ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रखा गया है, जहां उसकी पूरी देखभाल हो रही है. उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की जान महज इस कारण बच गई कि उसे गोली सीधे नहीं लगी. मां की उंगलियों से टकराने के कारण गोली पूरी फोर्स के साथ बच्ची को नहीं लगी. इसके चलते उसके दाएं कंधे के नीचे सीने में गोली लगने पर जख्म ज्यादा गहरा नहीं हुआ और उसकी जान को खतरा नहीं बना.
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