SCO बैठक में कड़ा संदेश, चीनी रक्षा मंत्री से हाथ नहीं मिलाने के बाद राजनाथ बोले 'आतंकवाद समर्थकों की जवाबदेही जरूरी'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 28, 2023, 06:54 PM IST

Rajnath Singh ने सभी देशों के रक्षा मंत्रियों से हाथ मिलाया, लेकिन चीनी समकक्ष की अनदेखी कर दी.

Rajnath Singh in SCO: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केवल चीनी रक्षा मंत्री से ही हाथ नहीं मिलाया, जबकि मीटिंग में आए बाकी सभी देशों के रक्षा मंत्रियों से हाथ मिलाए. इसे चीन के लिए मौन संकेत माना जा रहा है.

डीएनए हिंदी: SCO Defense Ministers Meeting- चीन के रक्षा मंत्री साल 2020 में गलवां घाटी संघर्ष के बाद पहली बार भारत आए हैं. इसके बावजूद भारत उन्हें ज्यादा तवज्जो देने को तैयार नहीं दिख रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू को एकतरीके से नजरअंदाज करते हुए भारत का मौन, लेकिन कड़ा संकेत चीन तक पहुंचा दिया है. SCO देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में राजनाथ ने बाकी सभी देशों के राजनयिकों से हाथ मिलाए, लेकिन चीन के रक्षा मंत्री से हाथ मिलाने से किनारा कर लिया. बैठक के दौरान भी उन्होंने चीन का नाम लिए बिना उस पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा, भारत ऐसे मजबूत क्षेत्रीय सहयोग ढांचे की कल्पना करता है, जिसमें सभी सदस्य देशों के वैध हितों का ध्यान रखा जाए और उनकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का परस्पर सम्मान किया जाए. साथ ही उन्होंने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने में सामूहिक सहयोग की अपील करते हुए कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों की भी जवाबदेही तय करने की जरूरत है.

क्या है राजनाथ के इन दोनों बयानों के संकेत

राजनाथ सिंह ने दरअसल इन दोनों संकेत के जरिये चीन को दो इशारे किए हैं. क्षेत्रीय संप्रभुता के सम्मान की बात कहकर उन्होंने चीन की तरफ से भारतीय सीमा पर जमा रखे कब्जे की तरफ इशारा किया है. दूसरी तरफ आतंकवाद समर्थकों की जवाबदेही के जरिये उन्होंने पाकिस्तान को घेरा है. साथ ही इस मुद्दे पर पाकिस्तान को मौन समर्थन देने वाले चीन की तरफ भी इशारा किया है.

'संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत शांति-सुरक्षा में भारत का यकीन'

राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की मौजूदगी में ही तीखे तंज कसे. उन्होंने कहा, भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत तय प्रावधानों को मानता है और इनके आधार पर शांति और सुरक्षा बनाए रखने में विश्वास रखता है. उन्होंने कहा, इसीलिए भारत एससीओ सदस्यों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.

'आतंकवाद का समर्थन मानवता के खिलाफ अपराध'

राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक प्रयास की अपील की. उन्होंने कहा, आतकंवाद का कोई भी रूप सही नहीं माना जा सकता. इसका किसी भी रूप में समर्थन मानवता के खिलाफ बड़ा अपराध है. शांति-समृद्धि और आतंकवाद एकसाथ नहीं रह सकते हैं. उन्होंने कहा, यदि कोई देश आतंकवादियों को शरण देता है, तो वह दूसरों के साथ ही अपने लिए भी खतरा पैदा करता है. युवाओं को कट्टर बनाना सुरक्षा के लिए चिंताजनक होने के साथ ही सामाजिक-आर्थिक प्रगति के मार्ग में भी बड़ी बाधा है.

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