सीमापुरी IED केसः तीन संदिग्धों में से एक मौलाना, CCTV से अहम सबूत

| Updated: Feb 18, 2022, 03:04 PM IST

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल तीनों संदिग्धों के स्कैच बनवा रही है. पुलिस को मामले में कई अहम सबूत हाथ लगे हैं.

डीएनए हिंदीः दिल्‍ली के सीमापुरी इलाके के एक घर में संदिग्‍ध बैग में आईईडी (IED) मिलने के मामले में स्पेशल सेल को कई अहम सबूत मिले है. जांच में गाजीपुर और सीमापुरी में आईईडी रखे जाने के मामले में नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्रों के मुताबिक गाजीपुर में IED रखने वाले संदिग्ध सीसीटीवी (CCTV) कैमरे में रिकॉर्ड हुए थे. उसी सीसीटीवी कैमरे को ट्रैक करते हुए सीमापुरी के फ्लैट तक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पहुंची. सीमापुरी में रहने वाले तीन संदिग्धों में एक मौलाना है. इसकी बड़ी दाढ़ी थी. पुलिस इनके स्कैच तैयार करा रही है.  

बंद घर से मिला था आईईडी
एनएसजी (NSG) के मुताबिक अमोनियम नाइट्रेट और RDX के साथ टाइमर डिवाइस का इस्तेमाल किया गया. लगभग 2.5 किलोग्राम से 3 किलोग्राम आईईडी को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के बम निरोधक दस्ते (BDS) द्वारा डिफ्यूज किया गया. दोपहर के करीब 2.15 बजे अचानक पुरानी सीमापुरी की सुनार वाली गली के बाहर पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ गई. पुलिस ने एक-एक दरवाजे को खटखटाकर मोहल्ले वालों से तुरंत मकान खाली करने के लिए कहा. जब लोगों ने इसकी वजह पूछी तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया. पुलिस का कहना था कि बस जान का खतरा है, तुरंत मकान खाली कर दो. पुलिस की जिप्सी से बैरिकेड लगाकर पूरे मोहल्ले को सील कर दिया गया. 

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पुलिस बनवा रही स्कैच
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल जिस फ्लैट में IED मिला था उसमें रहने वाले 3 किरायेदारों का स्कैच बनवा रही है. जांच में सामने आया कि मकान मालिक आसिम और प्रॉपर्टी डीलर शमीम उर्फ सानू दोनों ने तीनों संदिग्धों का कोई वेरिफिकेशन नहीं करवाया था. न ही कमरा देने से पहले उनका कोई पहचान पत्र लिया था. लिहाजा पुलिस इन पर एक्शन ले सकती है. पुलिस मकान मालिक और प्रॉपर्टी डीलर से पूछताछ कर रही है.

किराए पर रह रहे थे संदिग्ध 
जिस बिल्डिंग से आईईडी बरामद हुई है उसके मालिक आसिम ने बताया कि कुछ समय पूर्व उसके पिता कासिम की मौत हो गई थी. उसके बाद मकान की देखभाल का जिम्मा उसे मिला था. वह खुद चांद मस्जिद वाली गली में रहता है. सुनार वाली गली में उसका तीन मंजिला एक अन्य मकान है. उसने बताया कि करीब दो महीने पहले इसने एक युवक को इसे किराए पर दिया था. उस युवक ने बाद में कुछ और लड़कों के रहने की बात कही थी. जांच में पता चला है कि करीब 10-12 दिन पूर्व इस मकान में तीन अन्य युवक आकर रहने लगे थे. आसिम ने बताया कि उसने पड़ोस के प्रॉपर्टी डीलर शकील के कहने पर कमरे को आरोपियों को दिया था. इन सभी लड़कों का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं हो सका था. 

(इनपुट - नीरज गौड़)