डीएनए हिंदी: शाहीन बाग में बुलडोजर कार्रवाई रोकने के लिए माकपा ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, सर्वोच्च अदालत से कोई राहत नहीं मिली और याचिकाकर्ता को दिल्ली हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया गया था. हालांकि, विरोध और नेताओं के पहुंचते रहने की वजह से दोपहर 1 बजे ही साफ हो गया था कि आज शाहीन बाग से बुलडोजर लौट चुका है. 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो याचिकाकर्ता को भी वापस लौटना पड़ा. दिन भर की क्या बड़ी अपडेट रही, 5 पॉइंट में जानें यहां.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा फैसले में
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सीपीआई (एम) की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा, 'हमारा सुझाव है कि आप इस मामले की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट का रूख करें. आप हाई कोर्ट जाइए... पीड़ितों को कोर्ट आने दीजिए.'
सुबह बुलडोजर के साथ पहुंचे अधिकारी
आज SDMC के अधिकारी बुलडोजर के साथ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पहुंचे थे. महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. प्रदर्शनकारियों ने भाजपा शासित एसडीएमसी और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी और कार्रवाई रोकने की मांग की थी.
जुटने लगा नेताओं का जमावड़ा
AAP और कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंचे और कार्रवाई के खिलाफ धरना करने वालों के साथ बैठ गए थे. आप और कांग्रेस इसे बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति बताकर लोगों को घर से बेघर करने की साजिश करार दिया है.
इलाके में लग गया भारी जाम
विरोध-प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, जैतपुर, सरिता विहार और मथुरा रोड में भारी जाम लग गया था. एसडीएमसी के मध्य ज़ोन के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने बताया कि प्रदर्शन की वजह से अवैध निर्माण को हटाया नहीं जा सका है.
बीजेपी नेता ने अतिक्रमण हटाने की मांग की थी
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख आदेश गुप्ता ने स्थानीय महापौर को 20 अप्रैल को पत्र लिख कर रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने का अनुरोध किया था. इसके बाद एसडीएमसी के इलाकों में अतिक्रमण रोधी अभियान चलाने का फैसला किया गया था.
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