डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के सियालकोट शहर की एक मस्जिद में भारत में वांछित आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या हो गई है. अब पाकिस्तान इस घटना को आतंकी घटना करार दे रहा है. पाकिस्तान ने शक जताया है कि एक देश की खुफिया एजेंसी ने इस हमले में अहम भूमिका निभाई है. पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि उसके हादसे के सबूत भी हैं, जिन्हें कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. पाकिस्तान ने बिना नाम लिए भारतीय जांच एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया है. सिंध पुलिस ने हमले में शामिल 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस केस में जितने भी संदिग्ध हैं, पुलिस उन्हें पकड़ चुकी है.
शाहिद लतीफ, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का नेता था. यह पठानकोट में भारतीय वायु सेना बेस पर 2016 के हमले का मास्टरमाइंड था. उसके सुरक्षा गार्ड हाशिम अली की तीन बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 11 अक्टूबर को हुए हमले में वह भी मारा गया. दस्का में हुई इस वारदात पर अब पाकिस्तानी, हिंदुस्तान पर शक जाहिर कर रहे हैं.
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पाकिस्तान को है भारत पर शक
लतीफ का करीबी सहयोगी मौलाना अहद भी इस हमले में घायल हुआ है. उसकी अस्पताल में मौत हो गई है. बिना भारत का नाम लिए, पंजाब के IGP डॉ. उस्मान अनवर ने कहा, 'एक देश और उसकी खुफिया एजेंसी पाकिस्तान में आतंकवादी हमले को अंजाम देने में शामिल है.'
IGP उस्मान अनवर ने कहा, 'इस मामले में शामिल सभी तीन शूटरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. अन्य गिरफ्तारियां सियालकोट, लाहौर, पाकपट्टन, कसूर और पंजाब के अन्य जिलों में की गई हैं.'
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उस्मान अनवर ने कहा, 'इस हमले की योजना पाकिस्तान के बाहर बनाई गई थी. एक दुश्मन खुफिया एजेंसी ने एक व्यक्ति को पाकिस्तान भेजा. हमारे पास सभी रिकॉर्ड हैं कि वह व्यक्ति कौन है जो यहां आया था, वह किससे मिला और यहां तक कि उसकी भौगोलिक स्थिति भी. वे 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर के बीच यहां आए और 11 अक्टूबर को योजना को अंजाम दिया.'
आतंकी की मौत को बताया आतंकवादी घटना
पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने हमले के सहायक, अपराधियों की पहचान करने के लिए संयुक्त रूप से काम किया और उनमें से अधिकांश को गिरफ्तार कर लिया. इन्हें जल्द ही सबूतों के साथ कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. सियालकोट जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मुहम्मद हसन इकबाल ने कहा कि यह जानबूझकर की गई है हत्या है. यह एक आतंकवादी घटना है.
कौन था शाहिद लतीफ?
शाहिद लतीफ साल 1994 को भारत में गिरफ्तार हुआ था. वह आतंकी गतिविधियों में शामिल था. उस पर केस चला और जेल की सजा मिली. साल 2010 में उसकी सजा पूरी हुई और पाकिस्तान डिपोर्ट कर दिया गया. शाहिद लतीफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से था. वहां उसने कई साल तक नूरी-ए-मदीना मस्जिद और दस्का के प्रशासक के रूप में काम किया है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने देश में हुए कई हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है, जिसमें पठानकोट हमला भी शामिल है, जिसमें 7 सैनिक मारे गए थे.
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