Sharad Pawar के नए चुनाव चिह्न का क्या है मतलब, रायगढ़ से क्या संदेश दे रहे NCP चीफ?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Feb 24, 2024, 02:46 PM IST

महाराष्ट्र में अपनी पार्टी NCP के कार्यक्रम में शरद पवार. (तस्वीर-PTI)

Maharashtra Politics: शरद पवार ने रायगढ़ में अपने नेतृत्व वाले NCP गुट का चुनाव चिह्न लॉन्च किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार (Sharad Pawar) ने अपनी पार्टी का चुनाह चिह्न 'तुरही बजाते हुए आदमी' की तस्वीर लॉन्च कर दी है. उन्होंने कहा है जन कल्याण के लिए नया संघर्ष शुरू करने और उनके उत्थान के लिए काम करने वाले लोगों के लिए यह एक प्रेरणा की तरह है.

शरद पवार अपने पुराने चुनाव चिह्न घड़ी को गंवा चुके हैं. उनके भतीजे अजित पवार और आठ अन्य विधायकों ने बीते साल बगावत की थी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए थे.


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क्यों शरद पवार की पार्टी से छिन गई घड़ी?
शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP विभाजित हो गई थी. चुनाव आयोग ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले गुट को असली NCP बताते हुए चुनाव चिह्न दे दिया था. चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को शरद पवार को 'तुरही बजाता हुए शख्स का निशान दिया.

नए चुनाव चिह्न से क्या संदेश दे रहे शरद पवार?
 शरद पवार ने चुनाव चिह्न का अनावरण करने के बाद रायगढ़ किले में कहा कि यह तुरही उन लोगों के लिए खुशी लाएगी जो बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के कारण संघर्ष कर रहे हैं.


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शरद पवार ने कहा, 'लोगों की सरकार स्थापित करने के लिए हमें संघर्ष करने की जरूरत है और इसलिए हमें तुरही चुनाव चिह्न को मजबूत करना होगा. यह लोगों के कल्याण के वास्ते नया संघर्ष शुरू करने और उनके उत्थान का काम करने वाली सरकार के लिए प्रेरणा है.'

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बहादुरी का प्रतीक है तुरही, जयंत पाटिल ने बताया चिह्न का मतलब
शरद पवार 83 साल की उम्र में भी राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने सरकार बनाने के लिए लोगों से अपील की है. NCP के शरद पवार गुट के महाराष्ट्र राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि तुरही बहादुरी, जीत और संघर्ष की प्रेरणा का प्रतीक है. 


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जयंत पाटिल ने कहा, 'हम उस किले से छत्रपति शिवाजी महाराज का आशीर्वाद मांग रहे हैं जहां उनका राज्याभिषेक हुआ था, जहां उन्होंने अपने जीवन के आखिरी साल बिताए थे और जहां उनकी समाधि स्थित है.'

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