डीएनए हिंदी: Maharashtra News- देश में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की आहट सुनाई देने लगी है. आम चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्षी गठबंधन खड़ा करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) रोजाना दौड़-भाग कर रहे हैं. ऐसे में बार-बार एक सवाल पूछा जा रहा है कि यदि संयुक्त विपक्षी गठबंधन बना तो प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा? यह सवाल सोमवार को विपक्षी गठबंधन की अहम कड़ी माने जा रहे वरिष्ठ मराठा नेता शरद पवार (Sharad Pawar) से भी पूछा गया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया पवार से पुणे में पूछा गया कि क्या वे प्रधानमंत्री पद पर दावा ठोकेंगे? पवार ने इस सवाल के जवाब में साफ कर दिया है कि वे प्रधानमंत्री पद की होड़ में नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि विपक्ष का पीएम कैंडिडेट कैसे व्यक्ति को होना चाहिए. इसके अलावा कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने से लेकर राहुल गांधी की बदली हुई इमेज तक पर भी उन्होंने बात की है.
पीएम बनने को लेकर क्या बोले शरद पवार
शरद पवार ने कहा, मेरी कोशिश विपक्ष को एकसाथ लाने की है. यही प्रयास बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कर रहे हैं. मैं अगला चुनाव नहीं लड़ने वाला हूं, इसलिए पीएम कैंडिडेट बनने का प्रश्न ही कहां रह जाता है? मैं प्रधानमंत्री बनने की रेस में नहीं हूं. जब शरद पवार से पूछा गया कि विपक्ष का नेतृत्व कैसे व्यक्ति को करना चाहिए तो उन्होंने कहा, हम ऐसा नेतृत्व चाहते हैं, जो देश के विकास के लिए काम कर सके.
'सीट शेयरिंग को लेकर अब तक चर्चा नहीं'
लोकसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी (MVA) के बरकरार रहने के सवाल पर शरद पवार ने कहा, अभी तक सीट शेयरिंग पर कोई चर्चा नहीं हुई है. मेरे निवास पर एक मीटिंग हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि (MVA की) तीनों पार्टियों के नेता सीट का मुद्दा तय करेंगे. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) या कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और मैं साथ बैठेंगे और इस पर चर्चा करेंगे.
'राहुल की विचारधारा मानेंगे लोग'
राहुल गांधी में भारत जोड़ो यात्रा के बाद आए बदलाव की चर्चा राजनीति में हर तरफ हो रही है. कहा जा रहा है कि राहुल अब पहले से ज्यादा मेच्योर तरीके से राजनीति कर रहे हैं. शरद पवार ने भी बताया कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं. शरद पवार ने कहा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पदयात्रा का सबसे बेहतरीन उदाहरण कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम हैं. कोई राहुल गांधी के बारे में कुछ भी कहे, लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि लोग राहुल गांधी की विचारधारा को मानेंगे और उसे मजबूत करेंगे.
महाराष्ट्र में हुई हिंसा की होनी चाहिए जांच
शरद पवार ने महाराष्ट्र में हालिया दिनों में हुई हिंसक घटनाओं को लेकर चिंता जताई. उन्होंने कहा, यदि हमने इन घटनाओं के पीछे किसी तरह कि विचारधारा और शक्ति को पाया तो हम जान जाएंगे कि ये कौन करा रहा है. इनमें केंद्र और राज्य में सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत की जांच की जानी चाहिए.
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