शरद पावर ने फिर की PM Modi की तारीफ, कांग्रेस और MVA पर दिया बड़ा बयान

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 29, 2021, 11:41 PM IST

शरद पवार ने कहा है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी हैैं किन्तु वो महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा नहीं भूले हैं.

डीएनए हिंदी : महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा नाम माने जाने वाले NCP प्रमुख शरद पवार वर्तमान राज्य सरकार की रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं. ऐसे में हाल की घटनाओं को लेकर शरद पवार ने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा है कि किसी भी घटना के लिए अखबार वाले उन्हें घसीट लेते हैं. एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कांग्रेस, वर्तमान राजनीति और पीएम मोदी को लेकर कुछ अहम बयान दिए हैं.  इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि गांधी की विचारधारा उन्होंने अभी भी नहीं छोड़ी है. 

पीएम मोदी की तारीफ 

शरद पवार ने एक बार फिर सार्वजनिक मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. गुजरात के सीएम रहते मोदी पर हुई कार्रवाई को लेकर शरद पवार ने कहा, “यह आंशिक रूप से सच है कि मनमोहन सिंह और मैंने एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया था.” प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “वह बहुत मेहनत करते हैं और उस कार्य को अंजाम देते हैं जिसे वह तार्किक निष्कर्ष तक ले जाते हैं.” 

'मुझे ही ठहराते हैं जिम्मेदार' 

शरद पवार ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने और अपनी विचारधारा को लेकर कहा, “कांग्रेस पार्टी को भले ही छोड़ दिया हो लेकिन कभी भी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विचारधारा को नहीं छोड़ा.  राज्य की राजनीति को लेकर पवार ने कहा है कि 1991 में मुख्यमंत्री के रूप में वो महाराष्ट्र नहीं लौटना चाहते थे लेकिन उन्होंने चुनौती स्वीकार की. राज्य की राजनीति में चाणक्य माने जा रहे शरद पवार को लेकर पवार ने कहा, “ राज्य में जो कुछ भी होता है, उसमें मेरा नाम घसीटने की अखबारों को आदत है.” 

बाला साहेब ठाकरे से मित्रता 

हाल में चल रहे राज्य की विधानसभा के स्पीकर के मसले को लेकर पवार ने कहा, “आज सभी अखबारों ने यह कहते हुए रिपोर्ट छापी थी कि मैंने स्पीकर के चुनाव के बारे में सीएम से बात की थी जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था.” वहीं शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के साथ अपने रिश्तों पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा, “शिवसेना के संस्थापक उनके खिलाफ 'सबसे अच्छे शब्दों' का इस्तेमाल करने में कभी नहीं हिचकिचाते थे... लेकिन हम हमेशा दोस्त बने रहे, एक-दूसरे का सहयोग किया और अक्सर उन मुद्दों पर चर्चा की जो राज्य को प्रभावित करते थे."

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