Sharad Pawar Retired From Politics: करीब 5 दशक से भारतीय राजीनीति की हर हलचल को पहले ही भांप लेने के कारण 'पॉलीटिक्ल थर्मामीटर' कहलाने वाले शरद पवार (Sharad Pawar) ने एक बड़ी घोषणा से सबको चौंका दिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एक गुट के सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर दिया कि वे भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे. यह घोषणा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024) के बीच में आई है, जिसमें वे अपने भतीजे अजित पवार के NCP में दो फाड़ करने के फैसले को गलत साबित करने उतरे हैं. इस चुनाव में माना जा रहा है कि शरद पवार की NCP (SP) का मुकाबला भाजपा या शिवसेना (शिंदे) से नहीं बल्कि NCP (Ajit Pawar) के साथ ही है. ऐसी कठिन चुनौती के बीच शरद पवार के राजनीतिक संन्यास के ऐलान को बेहद हैरानी से देखा जा रहा है. शरद पवार ने यह घोषणा अपना राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने से चंद दिन पहले की है.
पोते के लिए समर्थन मांगते समय की घोषणा
शरद पवार मंगलवार को बारामती विधानसभा सीट (Baramati) पर अपने पोते युगेंद्र पवार (Yugendra Pawar) के समर्थन में चुनाव प्रचार करते समय की है. यह सीट पवार परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती रही है. प्रचार के दौरान ही शरद पवार ने कहा,'मैं 14 चुनाव लड़ चुका हूं. मैंने सोचा है कि अब मुझे मेरा राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने के बाद मेरी संसदीय हैसियत से अलग हो जाना चाहिए.' तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके शरद पवार ने नई पीढ़ी को कमान थमाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि उन्हें लोगों की सेवा करने के लिए कोई चुनाव जीतने की जरूरत नहीं है. एक जनसभा में उन्होंने कहा,' मैं अब सत्ता में नहीं हूं. मैं राज्यसभा में हूं और आखिरी डेढ़ साल का कार्यकाल बचा हुआ है. मैं पहले ही 14 बार चुनाव लड़ चुका हूं. अब और कितनी बार चुनाव लड़ूं? अब मैंने सोचा है कि नई पीढ़ी को मौका मिलना चाहिए. मैं समाजसेवा जारी रखूंगा. खासतौर पर ग्रामीण, पिछड़े इलाकों में, आदिवासी इलाकों में मेरी सेवा जारी रहेगी. इसके लिए मुझे किसी चुनाव को जीतने की जरूरत नहीं है.'
2026 में खत्म होगा शरद पवार का राज्यसभा कार्यकाल
शरद पवार का राज्यसभा में मौजूदा कार्यकाल 2026 में पूरा होगा. उन्होंने इसके बाद कोई चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करते हुए कहा,'30 साल पहले मैंने केवल राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होने का निर्णय लिया था. तब मैंने महाराष्ट्र की सारी जिम्मेदारी अजित पवार को सौंप दी थी और करीब 25 से 30 साल तक राज्य की जिम्मेदारी उनके पास रही. अब अगले 30 साल के लिए अरेंजमेंट करने जरूरी हैं.'
'महाराष्ट्र के प्रोजेक्ट गुजरात ले जा रही भाजपा'
शरद पवार ने इस दौरान एक बार फिर भाजपा पर तीखा निशाना साधा है. उन्होंने फिर से आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र के बड़े प्रोजेक्ट्स को गुजरात ले जा रही है. उन्होंने कहा,' जो लोग सत्ता में हैं, उनका फोकस राज्य पर नहीं है. जब मैं सत्ता में था, मैंने पुणे का विकास करना सुनिश्चित किया था, क्योंकि मैं जानता था कि केवल खेती पर्याप्त नहीं होगी. मैं नहीं जानता कि मौजूदा सरकार ने क्या जादू किया है. टाटा एयरबस फैक्टरी नागपुर में लगनी थी, लेकिन गुजरात शिफ्ट हो गई. वेदांता फॉक्सकॉन की सेमीकंडक्टर फैक्टरी भी गुजरात चली गई. यदि आप केवल एक खास राज्य के लिए काम कर रहे हैं तो आप प्रधानमंत्री क्यों हैं, आप मुख्यमंत्री बन जाइए.' उन्होंने लोगों से सरकार बदलने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा प्रतिनिधि चाहिए, जो रोजगार के ज्यादा मौके तलाश कर सके.'
पवार परिवार की परंपरागत सीट है बारामती
बारामती को पवार परिवार की परंपरागत सीट माना जाता रहा है, जहां लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा चुनाव में भी पारिवारिक टकराव नजर आ रहा है. सात बार के विधायक और मौजूदा उप मुख्यमंत्री अजित पवार के सामने शरद पवार ने उनके भतीजे युगेंद्र पवार क उतारा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी अजित ने अपने बहन सुप्रिया सुले के सामने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतारा था.
(With ANI Inputs)
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