Shiv Sena Row: 'लोकतंत्र की हो गई है हत्या' विधानसभा स्पीकर के फैसले पर ऐसा क्यों बोले उद्धव ठाकरे

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 10, 2024, 10:57 PM IST

Uddhav Thackeray

Uddhav Thackeray on Assembly Speaker Verdict: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को ही 'असली शिवसेना' माना है.

डीएनए हिंदी: Maharashtra Politics- महाराष्ट्र में शिवसेना गुटों के बीच चल रहे विवाद को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले ने और ज्यादा भड़का दिया है. राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को ही 'असली शिवसेना' घोषित किया है और शिंदे व उनके साथ आने वाले विधायकों को विधानसभा सदस्यता से अयोग्य घोषित करने की उद्धव ठाकरे की मांग को उन्होंने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे भड़क गए हैं. उन्होंने बुधवार को आए इस फैसले को 'लोकतंत्र की हत्या' बताया है. साथ ही इसे पहले से तय 'मैच फिक्सिंग' नाम दिया है.

सुप्रीम कोर्ट का सीधा अपमान है ये फैसला

शिवसेना (UBT) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विधानसभा स्पीकर के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का सीधा अपमान है, जिसमें सुनील प्रभु की शिवसेना के चीफ व्हिप के तौर पर नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था. उन्होंने कहा, यह मैच फिक्सिंग है. हम इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे. हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, हम जनता के बीच रहे हैं, जनता के बीच रहेंगे और जनता को साथ लेकर हम लड़ेंगे.

संजय राउत ने फैसले को बताया 'भाजपाई साजिश'

ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने स्पीकर के फैसले को उस 'भाजपाई साजिश' का हिस्सा बताया है, जो स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी को खत्म करने के लिए बनाई गई है. राउत ने चेतावनी देने वाले अंदाज में कहा कि इस घाव से शिवसेना की मौत नहीं होगी. उन्होंने भी इस मामले को सु्प्रीम कोर्ट में ले जाने की बात कही है.

स्पीकर ने दिया है अहम फैसला

विधानसभा स्पीकर नार्वेकर ने एक अहम फैसला दिया है, जिसमें शिवसेना के संविधान की पेचीदगियों पर गौर किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साल 2018 में भारतीय चुनाव आयोग को दिया गया लीडरशिप स्ट्रक्चर पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं था. इसके आधार पर उन्होंने उद्धव ठाकरे द्वारा एकनाथ शिंदे को हटाने का फैसला 'असंवैधानिक' घोषित कर दिया. नार्वेकर ने कहा, विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं. शिवसेना के किसी भी गुट का कोई भी विधायक अयोग्य नहीं.

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