अखिलेश से नाराजगी के बीच Azam Khan से जेल में मिले शिवपाल, क्या सपा से हो गया मोहभंग?

| Updated: Apr 22, 2022, 12:06 PM IST

आजम खान और शिवपाल यादव (फाइल फोटो)

आजम खान इन दिनों अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. शिवपाल यादव की नाराजगी पहले से ही जगजाहिर है.

डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के भीतर एक बार फिर अंदरुनी कलह मची हुई है. सपा के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से नाराज चल रहे हैं. नाराजगी के बीच अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) ने सीतापुर जेल (Sitapur Jail) में आजम खान से मुलाकात की है.

शिवपाल यादव, अखिलेश यादव से बेहद नाराज चल रहे हैं. अखिलेश यादव के एक बयान पर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है. अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मिलने वाला सपा में नहीं रहेगा. 

शिवपाल यादव ने इस बयान को गैरजिम्मेदाराना कहा और कहा कि अगर अखिलेश ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे विधायक दल से जल्द बाहर निकाल देना चाहिए. बीजेपी में जाने की अटकलों पर शिवपाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है और जब सही समय आएगा तो वह सभी को इसके बारे में बताएंगे.

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...तो विधानमंडल से बाहर निकाल दें अखिलेश

शिवपाल यादव 2016 के बाद से ही अपने भतीजे से नाराज चल रहे हैं. भले ही वजह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं लेकिन उन्होंने सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने कहा, 'मैंने सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ा था. अगर उन्हें ऐसा लगता है तो वह तुरंत इस पर निर्णय लें और मुझे विधानमंडल दल से बाहर निकाल दें.'

क्या सपा में नहीं है सब ठीक?

सपा और सपा गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. आजम खान के मोर्चे से भी पार्टी को झटका लगने वाला है. आजम खान के मीडिया प्रभारी ने हाल ही में अखिलेश यादव पर ही हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव ही नहीं चाहते हैं कि आजम खान जेल से बाहर आए. 

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कैसे पता चली शिवपाल की नाराजगी?

बीजेपी से बढ़ती दोस्ती के बीच चर्चा तब तेज हो गई जब शिवपाल यादव ने सीएम योगी से मिलने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया था. 

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शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था.  शिवपाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में विपक्षी गठबंधन की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. शिवपाल ने 31 मार्च को शपथ ली थी और बाद में वह लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे, जिससे उनके पाला बदलने की अटकलों को हवा मिली थी.

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