डीएनए हिंदी: Jodhpur News- राजस्थान के पाली जिले में एक महिला को मारने के बाद उसका मांस खा जाने के आरोपी की पांच दिन बाद मौत हो गई है. 25 साल के आरोपी सुरेंद्र ठाकुर को तीन दिन पहले जोधपुर के एमजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार सुबह उसकी मौत हो गई. हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट राजश्री बेहरा के मुताबिक, मृतक को रेबीज जैसे लक्षण दिखने के बाद और असामान्य व्यवहार होने के चलते पाली से जोधपुर रेफर किया गया था. हमने उसे आइसोलेशन में रखा गया था और इलाज के दौरान भी एहतियात बरत रहे थे. यहां भर्ती होने के बाद से ही उसकी हालत सामान्य बनी हुई थी, लेकिन मंगलवार सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.
लक्षणों के बावजूद नहीं हुई थी रेबीज की पुष्टि
बेहरा के मुताबिक, अस्पताल में ठाकुर की हालत को देखते हुए मनोरोग और तंत्रिका विज्ञान विभाग के डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी. उसमें रेबीज जैसे लक्षण दिख रहे थे, लेकिन उसके अंदर इस बीमारी की पुष्टि अब तक नहीं हुई थी. इससे पहले ही उसकी अचानक मौत हो गई.
26 मई को दबोचा था ग्रामीणों ने मांस खाते हुए
सुरेंद्र ठाकुर को पाली के सेंदरा पुलिस थाना इलाके के सरदाना गांव में ग्रामीणों ने 26 मई को दबोचा था. उस समय वह एक बूढ़ी औरत को मारने के बाद उसका मांस खा रहा था. ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था. पुलिस टीम ने उसके तत्काल पाली के एक अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से उसके रेबीज पेशेंट होने का संदेह जताते हुए अगले दिन उसे जोधपुर रेफर कर दिया गया था.
अस्पताल में भी कई लोगों को कुत्ते की तरह काटा था
पाली के अस्पताल में इलाज के दौरान भी सुरेंद्र पर पागलपन सवार था. उसने मेडिकल स्टाफ और पुलिस टीम के कई लोगों को कुत्ते की तरह काट लिया था, जिनका उसके काटने से रेबीज संक्रमण फैलने के डर से जोधपुर में वेक्सीनेशन कराया गया है. जोधपुर में डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद उसके रेबीज, वायरल इंसेफ्लाइटिस या कुरू बीमारी (गंभीर दिमागी विकार) से पीड़ित होने का संदेह जताया था. उसका सीटी स्कैन कराने के साथ ही लीवर और किडनी की जांच भी कराई गई थी. इस जांच में शराब का आदी होने के चलते उसका लीवर खराब मिला था.
मुंबई में फैमिली को नहीं तलाश पाई है पुलिस
आरोपी की जेब से मिले आधार कार्ड पर पुलिस को मुंबई का पता मिला था. साथ ही मुंबई से मध्य प्रदेश के शाहपुरा तक एक बस से सफर करने का टिकट मिला था. इसके बाद एक पुलिस टीम मुंबई वाले पते पर उसकी फैमिली की तलाश करने के लिए भेजी गई थी. इस पुलिस टीम को उस पते पर कोई नहीं मिला है. पुलिस का कहना है कि उसके परिवार से संपर्क होने तक उसकी इस हालत का कारण और वह पाली कैसे पहुंचा, ये बातें रहस्य ही बनी रहेंगी.
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