'गार्ड रहे साथ तो कौन कराएगा मजदूरी' सीधी पेशाब कांड के पीड़ित का छलका दर्द

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Oct 25, 2023, 07:12 AM IST

सीधी पेशाब कांड पीड़ित के सीएम शिवराज सिंह ने धोए थे पैर.

सीधी के बीजेपी विधायक के प्रतिनिधि प्रवीण शुक्ला ने शराब के नशे में दशमथ रावत पर पेशाब किया था. सोशल मीडिया पर जमकर विधायक की किरकिरी हुई थी. सीएम शिवराज ने उस मजदूर के पैर धोए थे.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक केदारनाथ शुक्ला के प्रतिनिधि प्रवीण शुक्ला ने शराब के नशे में एक युवक पर पेशाब कर दिया था. पेशाब कांड का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. लोग विधायक और बीजेपी सरकार के खिलाफ बुरी तरह आक्रोशित थे. जनता और विपक्ष के भारी दबाव के बीच शिवराज सरकार ने आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधनियिम (NSA) के तहत केस दर्ज किया था. बीजेपी ने केदारनाथ शुक्ला को 2023 का टिकट भी देने से मना कर दिया था.

दशमथ रावत नाम के पीड़ित को सरकार ने घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता भी दी थी. खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित व्यक्ति के पैर धोए थे. इतना सब होने के बाद भी दशमथ रावत की जिंदगी नहीं बदली. उनकी मुसीबतें बढ़ गई हैं.

प्रवीण शुक्ला की हैवानियत की वजह से रावत परिवार मानसिक और आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा है. उनकी जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई है. जुलाई के बाद से ही गांव के लोग दशमथ रावत को काम देने से मना कर रहे हैं. उसके बेटे की उम्र महज 15 साल है और घर चलाने के लिए दूसरी जगह पर जाकर वह काम करने के लिए मजबूर है.

इसे भी पढ़ें- गुरुग्राम में पुलिस से हेराफेरी, 20 पर्सेंट मुनाफे का ऑफर दे ठग ले उड़े 1 करोड़ रुपये

'सुरक्षा गार्ड के साथ कौन कराएगा मजदूरी'
दशमथ रावत की उम्र 42 साल है. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ हुई बातचीत में कहा, 'सुरक्षा गार्ड के साथ एक मजदूर को कौन मजदूरी पर रखेगा. ऊंची जात वालों की जमीनों पर काम करके मुझे रोजगार मिलता था, पर अब कोई भी मुझे रोजगार नहीं देना चाहता है.'

पीड़ित को मिली है पुलिस सुरक्षा 
सीधी पेशाब कांड के बाद पुलिस ने दशमथ को सुरक्षा मुहैया कराई थी. एक पुलिस कांस्टेबल उनकी सुरक्षा में हमेसा तैनात रहता है. उन्होंने पुलिस से अपील की थी कि सुरक्षा दी जाए. विधायक प्रतिनिधि के करीबी उस पर हमला करना चाहते थे. पुलिस सुरक्षा के बाद उस पर हमला तो नहीं हुआ लेकिन रोजगार पर बन आई. 

शिवराज ने धुले थे पीड़ित के पैर
जुलाई में ही शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित दशमथ रावत को अपने आवास पर बुलाया था. सीएम ने उनके पैर साफ किए थे और उनकी पार्टी के एक सदस्य द्वारा आदिवासी समुदाय के किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी. दशमथ रावत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया है.

इसे भी पढ़ें- वध से पहले रावण ने खाया गुटखा, वायरल वीडियो देख नहीं रुकेगी हंसी

अब तक नहीं मिली सरकारी नौकरी
उन्होंने कहा, 'मैं एक चिट्ठी का इंतजार कर रहा हूं. मैं सबसे निचली श्रेणी की नौकरी करने के लिए तैयार हूं.' उनके दावे के बारे में संपर्क करने पर सीधी के जिला कलेक्टर साकेत मालवीय ने कहा कि मैं इस मामले को देखूंगा. दशमथ की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं, भले ही सरकार की ओर से जो भी दावे किए जा रहे हों.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.