डीएनए हिंदी: Avalanche News- सिक्किम में चीन सीमा के करीब भयानक बर्फीला तूफान आने के कारण सभी रास्ते बंद हो गए हैं. चीन सीमा पर ऐतिहासिक नाथुला दर्रे (Nathu La Pass) के करीब बर्फीला तूफान मंगलवार दोपहर करीब 12.20 बजे आया. सिक्किम की राजधानी गंगटोक को नाथुला दर्रे से जोड़ने वाली जवाहरलाल नेहरू रोड के 14वें मील पर कई टूरिस्ट वाहन बर्फीले तूफान की चपेट में आ गए. इनमें से कुछ नीचे खाई में गिर गए. इससे कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 से ज्यादा घायल हो गए हैं. सिक्किम पुलिस के IG (चेकपोस्ट) सोनम तेनजिंग भूटिया के मुताबिक, मरने वालों में 4 पुरुष, एक महिला और 1 बच्चा शामिल हैं. अभी तक उनकी पहचान नहीं हो सकी है. उधर, दोपहर 3 बजे तक करीब 50 अन्य लोग बर्फ में दबे होने की संभावना जताई जा रही थी. ये सभी एक बस के यात्री बताए जा रहे हैं, जो तूफान की बर्फ के धक्के से खाई में गिर गई. हालांकि किसी भी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
डेढ़ घंटा बर्फ में दबकर भी जिंदा बची महिला
सीमा सड़क संगठन (BRO) की प्रोजेक्ट स्वास्तिक टीम ने टूरिस्ट्स को बचाने के लिए तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. टीम ने करीब 30 टूरिस्ट तूफान के फौरन बाद बचाए जाने का दावा किया है, जिनमें से 6 को गहरी खाई में बर्फ के नीचे से निकाला गया है. एक महिला करीब 1.5 घंटे तक बर्फ के ढेर के नीचे दबी रही. रेस्क्यू टीम ने उसे निकाला, तो उसकी सांसें तब भी चल रही थीं. उसे तत्काल STNM अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 3 घंटे की मेहनत के बाद BRO टीम ने सड़क पर बर्फ साफ कर 80 वाहनों में फंसे करीब 350 टूरिस्ट्स को रेस्क्यू कर लिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में सिक्किम पुलिस, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ सिक्किम, टूरिज्म डिपार्टमेंट और व्हीकल ड्राइवर्स ने भी मदद की.
प्रतिबंधित क्षेत्र से आगे नहीं जाते तो हादसे से बच जाते
IG (चेकपोस्ट) सोनम तेनजिंग भूटिया ने ANI से बताया कि सिक्किम में मार्च से ही लगातार बर्फबारी देखने को मिल रही है. इस कारण नाथुला दर्रे तक जाने वाली जवाहरलाल नेहरू रोड के 13वें मील से आगे टूरिस्ट्स के जाने पर रोक है. टूरिस्ट्स को यहीं तक के लिए पास जारी किए जाते हैं. इसके बावजूद कुछ टूरिस्ट्स इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हुए 15वें और 17वें मील तक भी चले जाते हैं. ऐसे टूरिस्ट्स ही बर्फीले तूफान की चपेट में आए हैं.
बता दें कि ऐतिहासिक नाथुला दर्रा समुद्रतल से करीब 4,310 मीटर की ऊंचाई पर है. भारत-तिब्बत के बीच पौरोणिक ट्रेड रूट होने के अलावा इस दर्रे की अहमियत भारत-चीन के सैनिकों के बीच 1967 में हुई लड़ाई के कारण भी है. इस लड़ाई में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकोंं को मार गिराया था. इसके चलते गंगटोक आने वाले टूरिस्ट भारी संख्या में इस दर्रे को देखने के लिए पहुंचते हैं.
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