डीएनए हिंदी: सिक्किम में बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ ने त्रासदी मचा दी है. तीन दिन बाद भी इसकी विनाश लीला थमी नहीं है. बाढ़ की वजह से निचले इलाकों में मिले शवों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं. मृतकों में सेना के सात जवान भी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि 142 लोग अब भी लापता हैं, वहीं करीब 2,413 लोगों को बचा लिया गया है और वे राहत शिविरों में शरण लिये हुए हैं. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य में अचानक आई बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. उन्होंने राहत शिविरों में शरण लिये लोगों में से प्रत्येक को 2,000 रुपये की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की.
प्रेम सिंह तमांग ने कहा, 'हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. हम नुकसान के बारे में सटीक विवरण नहीं दे सकते, इसका पता तब चलेगा, जब एक समिति गठित की जाएगी और वह अपना विश्लेषण पूरा करेगी. हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना है. जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं. उत्तरी सिक्किम में संचार सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है.'
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सीएम तमांग ने कहा कि बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद किये गए हैं, जबकि एक को बचा लिया गया था तथा शेष लापता जवानों की तलाश सिक्किम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्रों में जारी है. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि अब तक 26 लोगों की मौत हो गई है. सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणन ने कहा है कि पाकयोंग जिले में सात सैनिकों सहित कुल 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि गंगटोक में छह लोगों की मौत हो गई और मंगन जिले में चार लोगों की जान चली गई.
मुख्यमंत्री ने की है प्रधानमंत्री से बात
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं से बात की है. सीएम तमांग ने कहा कि उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि राज्य को सभी आवश्यक सहायता मुहैया करायी जाएगी.' गृहमंत्री अमित शाह ने सिक्किम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से राज्य को 44.8 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है. अमित शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल का गठन किया, जो बादल फटने से बाढ़ आने और इसके कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा.
कैसे सिक्किम में आई विनाशकारी बाढ़?
ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ की वजह से भारी मात्रा में जल एकत्र हो गया और चुंगथांग बांध की ओर प्रवाहित हुआ. तेज जलप्रवाह ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई. बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं. गंगटोक में तीन और नामची में दो पुल बह गए. बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मचायी है और उसका 80 फीसदी हिस्सा प्रभावित हुआ है.
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तबाह हो गया है NH 10
राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग NH-10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है. इस बीच, तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के लापता जवानों की तलाश जारी है. एक रक्षा विज्ञप्ति के अनुसार, बरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाला गया. तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष रडार का इस्तेमाल किया गया. इसमें कहा गया है कि सभी एजेंसियां नुकसान का आकलन करने और सड़क संपर्क बहाल करने की योजना बनाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं. सिंगताम और बरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है.
सीएम ने बाढ़ के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराया
सीएम ने विस्थापितों के लिए पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में मुफ्त इलाज देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि तबाही के लिए पिछली सरकारों के त्रुटिपूर्ण और घटिया विकास मॉडल जिम्मेदार हैं. उन्होंने प्राकृतिक आपदा पर राजनीति करने को लेकर विपक्ष की आलोचना भी की. (इनपुट: भाषा)
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