शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहुलाल सिंह के बयान पर क्यों भड़क उठे विपक्षी?

Written By कृष्णा बाजपेई | Updated: Nov 26, 2021, 01:09 PM IST

महिला सशक्तिकरण के पर बयान देते हुए शिवराज सरकार के मंत्री ने अजीबो-गरीब विवादित बयान दिया, जो कि सवर्ण समाज को आक्रोशित कर सकता है.

डीएनए हिंदीः राजनेताओं की ज़ुबान आए दिन फसलती रहती है लेकिन कभी-कभी कुछ बयान ऐसे होते हैं जो कि पार्टियों की फजीहत करा देते हैं. इन बयानों के कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ता है. मध्य प्रदेश इसका बड़ा सबूत है. जहां 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक विशेष वर्ग की नाराजगी के कारण हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब शिवराज सरकार के मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने बात तो महिला सशक्तिकरण की कही किन्तु उनका बयान विवादों में आ गया जो कि सवर्ण समाज को आहत कर सकता है. 

क्या बोले शिवराज के मंत्री ?

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने महिला सशक्तिकरण के नाम पर एक अजीबो-गरीब बयान दिया, जो कि विवादित भी माना गया. उन्होंने सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित महिलाओं के सम्मान समारोह के दौरान कहा, "महिलाओं को समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चलने नहीं दिया जाता था. बड़े-बड़े लोग अपने घर की महिलाओं को आज भी कैद करके रखते हैं जिस कारण समानता का अभाव रहता है. यदि समानता लाना है तो उच्च जाति की महिलाओं को घर से खींचकर बाहर निकालना होगा. उन्हें सामाजिक दृष्टिकोण में शामिल सभी विकसित गतिविधियों में शामिल भी करना होगा." 

उच्च वर्ग को करना होगा सहयोग 

मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने कहा कि यदि समाज में समानता लानी है तो जो सवर्ण समाज के लोग अपने घर की महिलाओं को घरो में महिलाओं को कैद रखते हैं, उन्हें अपनी महिलाओं को भी काम करने के लिए बाहर निकालना पड़ेगा, तभी समाज में समानता का भाव आएगा. निश्चित ही महिलाओं को लेकर उनका सशक्तिकरण का भाव है किन्तु ये बयान विवादित प्रतीत होता है जो कि भाजपा सरकार को मुसीबत में डाल सकता है. 

पहले भी हो चुका है नुकसान 

2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा जब SC-ST Act में कुछ बदलाव किए गए थे तो सवर्ण समाज ने इस पर खुशी जाहिर की थी. वहीं पिछड़े वर्ग के आंदोलन के बाद दबाव में आकर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट दिया था. नतीजा ये कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका बड़ा नुकसान हुआ था और पार्टी की बेहद कम अंतर से हार हुई थी जिसकी वजह सवर्ण समाज की नाराजगी मानी जा रही थी. ऐसे में भाजपा नेता का ये बयान पुनः राज्य के सवर्ण समाज को आक्रोशित कर सकता है.