डीएनए हिंदी: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत (sanjay Raut) को गिरफ्तार कर लिया है. पात्रा चॉल जमीन घोटाले में से जुड़े मामले में ईडी ने रविवार को संजय राउत के घर पर करीब 9 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया. इस दौरान ईडी को राउत के घर से 11.5 लाख रुपये की नगदी बरामद हुई. राउत की गिरफ्तार पर जहां कांग्रेस विरोध कर रही है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने तंज कसा है.
एकनाथ शिंदे ने कहा,'भोंपू तो अंदर गया. महाराष्ट्र में हर रोज सुबह 8 बजे बजने वाला भोंपू बंद हो गया है. जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा.' इससे पहले शिंदे ने रविवार को संजय राउत पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना नेता संजय राउत बेकसूर हैं, तो अपने खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से उन्हें डरना नहीं चाहिए. शिंदे ने कहा कि राउत कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया. अगर ऐसा है तो जांच से डर क्यों रहे हैं? इसे होने दीजिए. यदि बेकसूर हैं तो किस बात का डर है?
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संजय राउत के समर्थन में आई कांग्रेस
वहीं, इस मामले में कांग्रेस ने संजय राउत का समर्थन किया है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, संजय राउत दृढ़ विश्वास और साहस के व्यक्ति हैं. हम संजय राउत के साथ हैं. संजय राउत ने सिर्फ एक अपराध किया है कि वह भाजपा की डराने-धमकाने वाली राजनीति के सामने नहीं झुके हैं.
देर रात हुई संजय राउत की गिरफ्तारी
ईडी की टीम रविवार सुबह 7 बजे मुंबई के भांडुप स्थित संजय राउत के घर छापेमारी करने पहुंची थी. दिनभर उनसे पूछताछ जारी रही. ईडी ने राउत के घर से 11.5 लाख रुपये का कैश भी बरामद किया. इसके बाद उन्हें ईडी दफ्तर ले जाया गया. जहां देर रात 12 बजे ईडी ने उनकी गिरफ्तारी दिखाई. मुंबई के 1,000 करोड़ के पात्रा चॉल घोटाले के मामले में संजय राउत को आरोपी बनाया गया है.
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क्या है पात्रा चॉल घोटाला?
संजय राउत को पात्रा चॉल घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है. पात्रा चॉल जमीन घोटाले की शुरुआत 2007 से हुई. महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी म्हाडा (MHADA), प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की मिली भगत से यह घोटाला होने का आरोप है. 2007 में म्हाडा ने पात्रा चॉल के रीडिवलपमेंट का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को दिया. यह कंस्ट्रक्शन गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर में होना था. म्हाडा की 47 एकड़ जमीन में कुल 672 घर बने हैं. रीडिवेलपमेंट के बाद गुरु आशीष कंपनी को साढ़े तीन हजार से ज्यादा फ्लैट बनाकर देने थे. म्हाडा के लिए फ्लैट्स बनाने के बाद बची हुई जमीन को प्राइवेट डिवलपर्स को बेचना था. 14 साल के बाद भी कंपनी ने लोगों को फ्लैट बनाकर नहीं दिए. ED ने बताया था कि 2010 में प्रवीण राउत को इक्विटी बिक्री और लैंड डील के लिए 95 करोड़ रुपये मिले थे. हालांकि, कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाया था. कुल मिलाकर प्रवीण राउत, राकेश वधावन और सारंग वधावन ने रीडिवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये हेरफेर किए.
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