डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- मॉनसून सीजन आने के साथ ही सांपों के अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं. केरल के एक सरकारी अस्पताल में वार्ड के अंदर एक महिला तीमारदार की सांप के काटने से मौत हो गई है. महिला की मौत के बाद सांप की तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया है. उधर, उत्तर प्रदेश के आगरा में एक घर के बाथरूम के अंदर सांप मिला है, जिसे वन विभाग की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया है.
बेटी की डिलीवरी कराने आई थी मृत महिला
महिला तीमारदार की सांप के काटने से मौत का मामला केरल के कन्नूर जिले के एक सरकारी अस्पताल में हुआ है. तालिपाड़ाम्बा तालुक अस्पताल में हुई इस घटना में मृत महिला अपनी गर्भवती बेटी की डिलीवरी कराने के लिए पहुंची थी. शुक्रवार आधी रात को जब महिला अपनी बेटी के वार्ड में उसके पास सो रही थी, तब उसे किसी तरह अंदर घुसे सांप ने काट लिया. महिला की चीख सुनकर उठी उसकी बेटी ने सांप को वहां से जाते हुए देखा. उसने तत्काल हॉस्पिटल स्टाफ को बुलाया, लेकिन तब तक जहर के कारण महिला की मौत हो चुकी थी. बेटी की तरफ से बताए गए सांप के हुलिए के आधार पर उसकी पहचान वाइपर स्नैक (Viper Snake) के तौर पर हुई है, जो बेहद जहरीला होता है और बारिश के दिनों में केरल में सामान्य रूप से घूमता दिखाई देता है. हॉस्पिटल स्टाफ ने सांप की तलाश की, लेकिन वह कही नहीं मिला. इससे माना जा रहा है कि सांप वापस वार्ड से बाहर निकलकर झाड़ियों में चला गया है.
बाथरूम की सिंक में छिपा हुआ था वूल्फ स्नेक
ताज सिटी आगरा के बेलनगंज इलाके में एक घर के बाथरूम में शनिवार को सांप देखकर हंगामा मच गया. सांप बाथरूम सिंक के अंदर बैठा हुआ था, जिससे माना जा रहा है कि वह नाली के पाइप के रास्ते से अंदर आया होगा. खौफजदा फैमिली मेंबर्स ने सांप को देखते ही दरवाजा बंद कर दिया और वन विभाग की SOS सर्विस को कॉल किया. वन विभाग की वाइल्डलाइफ टीम ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. करीब दो फुट लंबे सांप की पहचान वुल्फ स्नेक (Wolf Snake) के तौर पर की गई है.
जहरीला पर खतरनाक नहीं होता वुल्फ स्नेक
इंडियन वुल्फ स्नेक (Indian wolf snake) जहरीला होता है, लेकिन इसका जहर बेहद हल्के स्तर का है और इंसानों पर असर नहीं करता है. इस कारण इंसानों के लिए वुल्फ स्नेक को खतरनाक नहीं माना जाता है. आम बोलचाल में भेड़िया सांप भी कहे जाने वाला वुल्फ स्नेक अधिकतम 3 फुट लंबा होता है और दीवार पर बेहद तेजी से चढ़ने के लिए मशहूर होता है. अमूमन यह रात में ही ज्यादा दिखाई देता है. इसका रंग काला या लाल भूरा होता है, जिसे पर गहरे भूरे रंग के धब्बे होते हैं.
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