Sonia Gandhi के घर पर हुई विपक्ष की बैठक, संजय राउत बोले- मिलकर करेंगे काम

| Updated: Dec 14, 2021, 09:00 PM IST

सोनिया गांधी

आने वाले दिनों में कांग्रेस पार्टी विपक्ष के नेताओं के साथ ऐसी और भी बैठकें आयोजित करेगी.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) और विपक्षी दलों के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की, जिसमें संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में विपक्ष की साझा रणनीति को लेकर चर्चा की गई.

कौन-कौन हुआ शामिल
सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी के आवास 10, जनपथ पर हुई इस बैठक में शरद पवार के साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah), शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) और द्रमुक नेता टी आर बालू भी शामिल हुए. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में ऐसी और बैठकें होंगी ताकि सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा सके.

हम माफी नहीं मांगेंगे- संजय राउत

इस बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये विपक्ष एकता की बैठक थी. विपक्षी एकता पर बात हुई. यह पहला ऐसा ग्रुप है. भविष्य में और ऐसे कई अन्य ग्रुप बनाए जाएंगे. हमने संसद की कार्यवाही के बारे में चर्चा की. हम माफी नहीं मांगेंगे. राज्यों में मिल कर काम करेंगे. वहीं नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बैठक से बाहर आ कर कहा, "विपक्ष की एकता पर बात हुई. देश की समस्याओं पर चर्चा हुई. UPA और अधिक मजबूत होगा. कैसे इकट्ठा काम कर सकते हैं? कैसे इस मुल्क को मुश्किलों से निकाल सकते हैं? इसको लेकर हम सभी नेताओं ने चर्चा की. वहीं टीआर बालू ने बैठक के बाद कहा कि विपक्ष की एकता पर बात हुई है. इसी पर जोर दिया गया.

ठाकरे को भी भेजा गया था न्योता
इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे. सूत्रों के अनुसार, सोनिया गांधी ने इस बैठक के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को आमंत्रित किया था. इन दोनों नेताओं ने बैठक के लिए राउत और बालू को भेजा.

सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप
इससे पहले, राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग करते हुए मंगलवार को मार्च निकाला तथा सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया.