Sonia Gandhi की सरकार से खास अपील- बच्चों को मिले खाना, शुरू करें मिड-डे मील

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 23, 2022, 10:37 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से सराकारी स्कूलों में मिड डे मिल व्यवस्था दोबारा शुरू करने की मांग की है.

डीएनए हिंदीः कोविड के मामलो से राहत मिलने के बाद स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन सरकारी स्कूलों में मिड डे मिल की व्यवस्था दोबारा शुरू नहीं हुई है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार से स्कूलों में मिड डे मिल को फिर से शुरू करने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा महामारी के बाद मिड डे मिल की व्यवस्था को बंद कर दिया गया था. सोनिया ने कहा कि सरकार को तीन साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को गर्म और पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना चाहिए.

लोकसभा के शून्यकाल में बोलते हुए रायबरेली से लोकसभा सदस्य गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा, "देश की सभी संस्थाओं में स्कूल ही सबसे पहले बंद हुए थे और सबसे आखिर में खुले हैं. जब स्कूल बंद हुए थे तो मध्याह्न भोजन की व्यवस्था भी रुक गई थी. ये तो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और उच्चतम न्यायालय के आदेश थे जिनके कारण लोगों को सूखा राशन दिया गया, लेकिन बच्चों के लिए सूखा राशन, पके हुए पौष्टिक भोजन का कोई विकल्प नहीं है."

सोनिया गांधी ने कहा, "यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मध्याह्न भोजन से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो इस महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं."

उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार हाल के वर्षों में 5 वर्ष से कम आयु के वो बच्चे, जो बेहद कमजोर हैं, उनका प्रतिशत 2015-16 की तुलना में बढ़ा है. यह चिंताजनक है और इसे रोकने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास करना चाहिए."

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैं केन्द्र सरकार से आग्रह करती हूं कि आईसीडीएस कार्यक्रम के तहत गर्म और पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था फिर से शुरू की जाए और मध्याह्न भोजन को भी तुरंत शुरु किया जाना चाहिए."

उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया, "पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के वाजिब प्रावधान किए जाने चाहिए और साथ ही आंगनबाड़ियों के माध्यम से गर्म, पका हुआ भोजन तीन साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी उपलब्ध होना चाहिए. इसके लिए सामुदायिक रसोई शुरू करने का प्रावधान करना चाहिए."

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