डीएनए हिंदी: एक औरत दूसरी दुखी औरतों को अपनी सहेली बनाती है. उनके दुख दूर करने के वादे करती है. उन्हें पूजा और अनुष्ठान जैसे उपाय बताती है और फिर एक दिन उन्हीं औरतों को मार डालती है. ऐसा किसी एक औरत के साथ नहीं हुआ. 7 औऱतों को ऐसे ही मौत के घाट उतारा गया. इस औरत को पुलिस ने पकड़ा भी तो कोई ठोस सबूत नहीं मिला और इस तरह कर्नाटक की के.डी. केंपाम्मा भारत की पहली सीरियल किलर महिला के तौर पर जानी जाने लगी.
इस महिला की कहानी बेहद डरावनी है. इसे सुनकर किसी पर भी विश्वास करने का जी नहीं चाहेगा. ये कहानी लालच से भरी एक ऐसी महिला की है जिसने अपने अरमानों के आगे किसी की जान लेने को भी बुरा नहीं समझा.
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बन गई सायनाइड मल्लिका
सन् 1970 में केंपाम्मा बंगलुरू के एक गांव में पैदा हुईं. उनका परिवार एक आम परिवार की तरह ही था, मगर उनके अरमान बड़े थे. कम उम्र में ही एक टेलर से उनकी शादी हो गई. जल्द ही वह तीन बच्चों की मां भी बन गई. उन दिनों वह घरों में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने जाया करती थी.इसी के साथ उसने चिट-फंड का काम करना भी शुरू कर दिया. इस काम में उसे बड़ा नुकसान हुआ और पांच लोगों का ये परिवार कर्जे में आ गया. इसके बाद उसके पति ने भी उसे घर से निकाल दिया. अब केंपाम्मा ने अपनी इच्छाओं को पूरा करने का नया तरीका ढूंढना शुरू किया और शुरू हुई सायनाइड किलिंग की कहानी. वह दुखी महिलाओं को दोस्त बनाती औऱ फिर उन्हें पानी में सायनाइड मिलाकर पिला देती. इसके बाद उनका सारा सामान चुरा लेती. यहीं से उसका नाम पड़ा सायनाइड मल्लिका.
2008 में हुई गिरफ्तारी
सन् 2008 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसने अपने सारे जुर्म कुबूल कर लिए.साल 2012 में उसे सजा-ए-मौत दी गई थी, लेकिन बाद में इसे उम्र कैद में बदल दिया गया. कोर्ट को उसके खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला था इसी वजह से उसके केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में डाला गया.
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