डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पहले से काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं और भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ धड़ाधड़ एक्शन ले रहे हैं और अब उन्होंने गाजियाबाद और सोनभद्र (Sonbhadra) के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का डंडा चलाया है. सीएम योगी ने सोनभद्र के डीएम भ्रष्टाचार के मामले में संलिंप्त होने के आरोपों में सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा गाजियाबाद के एसएसपी (Ghaziabad SSP) को कमाचोरी केल चलते अपने पद से हटा दिया है.
दरअसल योगी सरकार द्वारा इस कार्रवाई के बाद एक बयान में कहा गया, "डीएम टीके शिबू के खिलाफ खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है. इसके साथ ही विधान सभा चुनाव में पोस्टल बैलेट पेपर सील न करके लापरवाही की गई, जिससे पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी." वही इस मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने बताया, "सोनभद्र के जिलाधिकारी को खनन में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित कर दिया गया है."
इसके अलावा एक बड़ा एक्शन गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के खिलाफ भी लिया गया है. दरअसल, गाजियाबाद के एसएसपी पर आरोप है कि उन्होंने शहर की कानून व्यवस्था को कंट्रोल करने में ढिलाई बरती है. इसके साथ ही उन पर कामचोरी के भी बड़े आरोप हैं. ऐसे में उन्हें भी सीएम योगी ने सस्पेंड कर दिया है. ऐसे में सीएम योगी द्वारा इन दोनों ही अधिकारियों को एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि प्रदेश में अब भ्रष्टाचार और कामचोरी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
आपको बता दें कि UP सरकार ने 4 IPS अधिकारियों के तबादले भी किए थे. पुलिस मुख्यालय से एडीजी नवनीत सिकेरा को एडीजी पीटीएस उन्नाव के पद पर भेजा गया है. पुलिस महानिदेशक के जनरल स्टॉफ ऑफिसर (जीएसओ) एडीजी रवि जोसफ लोक्कू को एडीजी सतर्कता अधिष्ठान बनाया है. इस पद पर तैनात एन रविंदर को जीएसओ डीजीपी बनाया गया है. डीआईजी रूल्स एंड मैन्युवल धर्मेंद्र सिंह को डीआईजी आरटीसी चुनार के पद पर तैनाती दी गई है.
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