UGC का बड़ा फैसला, अब देश में ही मिलेगी विदेशी यूनिवर्सिटी की डिग्री

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 20, 2022, 10:33 AM IST

Degree program

UGC की हालिया घोषणा के अनुसार देश का कोई भी शीर्ष विश्वविद्यालय दुनिया के किसी भी शीर्ष विश्वविद्यालय के साथ मिलकर साझा कोर्स शुरू कर सकता है. 

डीएनए हिंदी: विदेश जाकर पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब उन्हें उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाकर नहीं रहना होगा. ऐसे छात्र देश में ही रहकर दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज  के साथ पढ़ाई कर सकेंगे. इसके लिए खास व्यवस्था की गई है. इसके तहत देश का कोई भी शीर्ष विश्वविद्यालय दुनिया के किसी भी शीर्ष विश्वविद्यालय के साथ मिलकर साझा कोर्स शुरू कर सकता है. 

क्या है यूजीसी की व्यवस्था
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अगले शैक्षणिक सत्र (2022-23) से भारतीय और विदेशी संस्थानों को एक साथ मिलाकर संयुक्त डिग्री, ड्यूल डिग्री प्रोग्राम और ट्विन प्रोग्राम में पढ़ाई करने की अनुमति दे दी है. यूजीसी अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को भारतीय और विदेशी संस्थानों के एक साथ मिलकर संयुक्त डिग्री प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिसूचना इसी हफ्ते जारी कर दी जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक
भारत सरकार द्वारा जारी होने वाली NIRF रैंकिंग के टॉप 100 और विश्व रैंकिंग के शीर्ष 1000 वाले संस्थान इस डिग्री प्रोग्राम का हिस्सा बन सकते हैं.

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30 फीसद क्रेडिट 
यूजीसी के मुताबिक संयुक्त डिग्री प्रोग्राम को लेकर नियम बनाने से पहले पब्लिक फीड  बैक तक लिया गया था. यूजीसी के मुताबिक इस प्रोग्राम के तहत भारतीय छात्रों को विदेशी संस्थानों से क्रेडिट लेने की स्वीकृति दी जाएगी. ये क्रेडिट, 30 फीसद से ज्यादा तक विदेशी संस्थान से लिया जा सकेगा. वहीं दूसरी तरफ विदेशी छात्र भी इंडियन यूनिवर्सिटी से 30 फीसद क्रेडिट पा सकेंगे. इसके तहत इंडियन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट डिग्री देगा. इसके साथ ही छात्रों को 1 से 2 सेमेस्टर के लिए विदेश जाकर पढ़ने का मौका मिलेगा. इसके बाद फॉरेन इंस्टीट्यूट सर्टिफिकेट देगा. 

कौन से कोर्स होंगे शामिल
रिपोर्ट्स की मानें तो यह व्यवस्था ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम और डिस्टेंस मोड से चलने वाले डिग्री प्रोग्राम में लागू नहीं होगी. विदेशी डिग्री कोर्स की यह पढ़ाई पूरी तरह से फिजिकली क्लासरूम में होने वाले कोर्स पर लागू होगी. इसमें छात्र को तीनों प्रोग्राम के आधार पर विदेशी विश्वविद्यालयों में जाकर पढ़ाई का मौका भी मिलेगा. इसके अलावा इन प्रोग्राम में मेडिकल, लीगल और कृषि डिग्री प्रोग्राम शामिल नहीं किए जाएंगे.

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