Jai Hind in School: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के स्कूलों में अब स्टूडेंट्स को अटेंडेंस के लिए नाम पुकारे जाने पर यस सर या यस मैम कहने के बजाय जय हिन्द में जवाब देना होगा. राज्य के भोपाल गैस त्रासदी राहत-पुनर्वास मंत्री विजय शाह का कहना है कि इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं, जिसका पालन कराने की जिम्मेदारी कलेक्टर (जिलाधिकारी) को दी गई है. विजय शाह को रतलाम का प्रभारी मंत्री बनाया गया है. इसके बाद पहली बार रतलाम पहुंचने पर विजय शाह ने ये दावा किया है. उन्होंने कहा कि यह आदेश सरकारी ही नहीं निजी स्कूलों पर भी लागू होगा यानी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के स्टूडेंट्स भी जय हिन्द में ही जवाब देते नजर आएंगे.
बच्चों में देश भक्ति का जज्बा जगाएगा आदेश
विजय शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यस सर-यस मैडम के बजाय जय हिन्द बोलने से बच्चों मे देश भक्ति का जज्बा पैदा होता है. इस आदेश का पालन कक्षा 1 से कक्षा 12 तक सभी स्कूलों में करना होगा. इतना ही नहीं सरकारी हो या प्राइवेट, हर तरह के स्कूल को अपने यहां राष्ट्रगान 'जन गण मन' भी अनिवार्य रूप से कराना होगा. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, शाह ने कहा कि बच्चों को स्कूल में रोटेशन से बैठाना भी अनिवार्य कर दिया गया है यानी उनकी सीट कक्षा में रोजाना बदलेगी. इतना ही नहीं पहली से 5वीं कक्षा तक झंडा वंदन भी अनिवार्य रूप से कराया जाएगा.
रतलाम-झाबुआ जिले में खोलेंगे अपनी हेल्प डेस्क
शाह ने कहा कि आम आदमी की मदद करने के लिए रतलाम-झाबुआ जिले में वे अपनी हेल्प डेस्क खोलेंगे. यह 'प्रभारी मंत्री खिड़की' कलेक्टर कार्यालय में होगी, जिस पर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रोजाना एक सरकारी क्लर्क लोगों की समस्याएं नोट करेगा. ये आवेदन प्रभारी मंत्री के नाम पर होंगे, जिनके निस्तारण की निगरानी हर सप्ताह सोमवार को कलेक्टर टीएल मीटिंग में करेंगे. यदि किसी समस्या का निस्तारण भोपाल (राजधानी) के स्तर से होना है तो उसे कलेक्टर वहां भेजेंगे. हर महीने मैं खुद भी इन आवेदनों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा करूंगा. प्रभारी मंत्री खिड़की का एक मोबाइल नंबर भी जारी किया जाएगा, जिस पर लोग अपने आवेदन के निस्तारण का अपडेट ले पाएंगे.
स्कूलों में मिलने वाले भोजन की करेंगे अचानक जांच
विजय शाह ने कलेक्टर ऑफिस में रतलाम के कन्या शिक्षा परिसर की छात्राओं को बुलाकर बात की. उनसे भोजन आदि की क्वालिटी के बारे में पूछा. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं हर महीने रतलाम दौरे पर अचानक कलेक्टर के साथ किसी भी स्कूल में पहुंचकर वहां के भोजन की जांच करूंगा. कार्यकर्ता के घर के बजाय स्कूल और हॉस्टलों में ही खाना खाऊंगा ताकि खुद उसकी क्वालिटी जांच सकूं. शाह ने ये भी कहा कि जिले का दौरा करने पर वे रात में जिला मुख्यालय पर नहीं बल्कि किसी न किसी ब्लॉक में रात बिताएंगे और वहां की जनता से मिलेंगे.
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