डीएनए हिंदी: Haryana News- मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ काम करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक विशेष सीबीआई जज को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है. सीबीआई जज सुधीर परमार (Sudhir Parmar) को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें जज परमार पर एक रियल एस्टेट कंपनी से मोटी रिश्वत लेने का आरोप है. ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जज की गिरफ्तारी उन्हें पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सस्पेंड किए जाने के बाद की है. उन्हें शुक्रवार को अदालत के सामने पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगा जाएगा.
जानिए क्या है पूरा मामला
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने अप्रैल में विशेष सीबीआई जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में जज परमार पर एक रियल एस्टेट कंपनी के मामले में रिश्वत लेने का आरोप था. जज परमार पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में तैनात थे. इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की थी. इसी मामले में अब जज परमार की गिरफ्तारी की गई है.
ACB की एफआईआर पर सस्पेंड हो गए थे जज
हरियाणा पुलिस की ACB की तरफ से अप्रैल में मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद विशेष सीबीआई जज परमार को हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की राह खुल गई थी. ईडी ने इस मामले में पहले जज परमार के भतीजे अजय परमार और रियल एस्टेट कंपनी के दो प्रमोटर्स बसंत बंसल व पंकज बंसल को गिरफ्तार किया था. साथ ही IRO के मालिक व एमडी ललित गोयल को भी गिरफ्तार किया था. इसके बाद अब जज को गिरफ्तार किया गया है.
आरोपियों की मदद कर रहे थे जज
ईडी की एफआईआर के मुताबिक, विश्वसनीय सूत्रों से जज सुधीर परमार द्वारा ईडी के आपराधिक व अन्य मामलों में आरोपियों रूप कुमार बंसल, उनके भाई बसंत बंसल और IRO के एमडी ललित गोयल की मदद करने की जानकारी मिली थी. इन सभी आरोपियों का मामला जज परमार की ही अदालत में लंबित है. सूत्रों से मिली जानकारी की जांच में जज द्वारा आधिकारिक पद के दुरुपयोग की पुष्टि हो गई. ईडी के मुताबिक, जज ने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के साथ ही अदालत में लंबित मामलों में आरोपियों से अनुचित लाभ या रिश्वत की मांग की है.
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