रेप आरोपी की जमानत के बाद लगे 'Bhaiya is back' के पोस्टर,  SC ने कहा- अपने भैया को संभालकर रखो

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 12, 2022, 12:49 PM IST

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में रेप आरोपी की जमानत के बाद स्वागत वाले पोस्टर लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है.

डीएनए हिंदीः रेप से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट (High Court) ने आरोपी की जमानत दे दी. जमानत के खिलाफ पीड़िता के परिजनों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. इस दौरान पीड़ित पक्ष ने कोर्ट को बताया कि रेप के आरोपी को जमानत मिलने पर उसके इलाके में भैया इज बैक के पोस्टर लगाए गए. महिला ने जमानत को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें कहा गया था कि आरोपी ने शादी के झूठे वादे पर उसके साथ बार-बार बलात्कार किया और उसे एक बच्चे का गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया. 

जमानत मिलने के बाद लगाए पोस्टर
सुप्रीम कोर्ट में रेप आरोपी की जमानत के बाद स्वागत वाले पोस्टर लगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. मध्य प्रदेश में हाईकोर्ट से आरोपी को जमानत मिलने की खुशी में स्थानीय इलाके में 'भैया इज बैक' के पोस्टर लगाए गए. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए आरोपी के वकील को चेताते हुए कहा कि अपने भैया से अगले हफ्ते में सावधान रहने को कहना!

यह भी पढ़ेंः UP MLC Election Result : सपा उम्मीदवार डॉ. कफील खान हारे, वाराणसी-आजमगढ़ में BJP की मात

चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) की अगुवाई वाली पीठ ने पूछा कि "वहां होर्डिंग लगा है जिस पर लिखा है कि 'भैया इज बैक'. आप किस चीज को सेलीब्रेट कर रहे हैं?" खुद सीजेआई ने भी कहा, "यह क्या है 'भैया इज बैक'?"  भारत के मुख्य न्यायाधीश ने आरोपी के वकील से कहा, "अपने भैया से इस एक सप्ताह सावधान रहने के लिए कहिए."

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी शुभांग गोंटिया एबीवीपी का छात्र नेता है. पोस्टरों की जानकारी महिला ने आरोपी की जमानत रद्द करने के खिलाफ याचिका में दी थी. शीर्ष अदालत को बताया गया कि आरोपी ने एक निजी समारोह में महिला के माथे पर सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहनाया था लेकिन सार्वजनिक रूप से उसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया. यह भी आरोप लगाया गया कि जब वह गर्भवती हुई तो उसका जबरन गर्भपात कराया गया.  

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें

सुप्रीम कोर्ट