डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) के निलंबित सांसद राघव चड्ढा से प्रवर समिति मामले पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई है कि सभापति इस मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रुख अपनाएंगे. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से कहा है कि दिवाली की छुट्टियों के बाद होने वाले घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दें.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि राघव चड्ढा को इस मामले पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए राज्यसभा के सभापति से मिलना होगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि उपराष्ट्रपति इस पूरे मामले पर सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएंगे और इस संबंध में आगे कदम उठाएंगे.
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कब से निलंबित हैं राघव चड्ढा?
राघव चड्ढा 11 अगस्त से उस समय से निलंबित हैं जब कुछ सांसदों ने आरोप लगाया था कि AAP नेता ने उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ा. आरोप लगाने वाले ज्यादा सांसद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. प्रस्ताव में विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की पड़ताल के लिए एक प्रवर समिति के गठन की मांग की गई थी.
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राघव चड्ढा क्यों हुए थे निलंबित?
राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा विधेयक को चयन समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था. उन्होंने कथित तौर पर कुछ सांसदों को प्रस्तावित समिति के सदस्यों के रूप में नामित किया था. दावा किया गया था कि कुछ सांसदों ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी थी. शिकायत पर ध्यान देते हुए चेयरमैन ने विशेषाधिकार समिति की जांच लंबित रहने तक राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया. (इनपुट: PTI)
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