मथुरा के शाही ईदगाह को कृष्ण जन्मभूमि घोषित करने की मांग वाली PIL सुप्रीम कोर्ट से खारिज, जानिए वजह

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Jan 05, 2024, 02:37 PM IST

कृष्ण जन्मभूमि और शाही मस्जिद केस

न्यायालय में हिंदू पक्ष ने तर्क दिया था कि मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद कृष्ण जन्मभूमि पर बनी है, इसलिए उसे हटा दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है.

डीएनए हिदी: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि जन्मस्थान का अधिग्रहण करने और उसे पूजा के लिए हिंदुओं को सौंपने का निर्देश देने की मांग करने वाली जनहित याचिका को खारिज किया था. 

इलाहाबाद हाई कोर्ट के 11 अक्टूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा,'यह मुद्दा पहले से ही हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है. एक से ज्यादा मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए.'

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याचिकाकर्ता महक माहेश्वरी के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी मुकदमे लंबित होने के आधार पर जनहित याचिका खारिज कर दी थी. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका दायर की थी और इसलिए इसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, 'हम आक्षेपित निर्णय में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है. हम स्पष्ट करते हैं कि याचिका खारिज किया जाना किसी भी कानून को चुनौती देने के पक्षों के अधिकारों पर टिप्पणी करना नहीं है और न ही किसी भी कानून को चुनौती देने से रोकना है.'

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महक माहेश्वरी ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि वह एक समर्पित हिंदू हैं और प्रार्थना करते हैं कि पूजा करने के उनके मौलिक अधिकार को संरक्षित किया जाए. हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका में उन्होंने कहा था कि कृष्ण जन्मभूमि जन्मस्थान के वास्तविक स्थान को राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित कर कृष्ण जन्मस्थान में विराजमान भगवान कृष्ण की पूजा करने के लिए हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए. कृष्ण जन्मस्थान के वास्तविक स्थान पर फिलहाल शाही ईदगाह मस्जिद है. (इनपुट: भाषा)

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