डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद शिवसेना (Shiv Sena) पर दावेदारी को लेकर उपजे विवाद पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत देते हुए चुनाव आयोग से एकनाथ शिंदे गुट की अर्जी पर कोई फैसला नहीं लेने का आदेश दिया. CJI एनवी रमना ने कहा कि 8 अगस्त को दोनों गुटों को चुनाव आयोग में दाखिल करना है. अगर कोई गुट जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगता है तो चुनाव आयोग उस पर विचार करे.
CJI एनवी रमना ने साथ यह भी कहा कि वह 8 अगस्त को फैसला करेंगे कि इस मामले की सुनवाई पांच जंजों की संवैधानिक बेंच को सौंपा जाए या नहीं. वहीं, CJI ने विधायकों की अयोग्यता की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उद्धव ठाकरे की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि ये राजनीतिक पार्टी की मान्यता का मामला है, चुनाव आयोग में चल रहा है, ऐसे में हम इसमें दखल कैसे दें? इस पर सिब्बल ने जवाब दिया कि अगर कमीशन ने इस पर फैसला सुना दिया और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट अयोग्यता पर फैसला देता है. तो फिर क्या होगा?
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से बचने के लिए कोई संवैधानिक सुरक्षा नहीं है. उन्होंने कहा कि या तो आप विलय करें या नई पार्टी बनाएं. सिब्बल के इस तर्क का जवाब देते हुए एकनाथ शिंदे के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि दल-बदल कानून उन नेताओं के लिए हथियार नहीं है जो पार्टी के सदस्यों को एकजुट रखने के लिए उनका विश्वास प्राप्त करने में सफल नहीं हुए हैं. साल्वे ने कहा कि यह मामला विधायकों द्वारा स्वेच्छा से अपनी पार्टी की सदस्यता छोड़े जाने का नहीं है. उन्होंने कहा, ‘दलबदल कानून का मूल अधिकार क्षेत्र तब शुरू होता है जब आप पार्टी छोड़ते हैं. किसी को कोई अयोग्यता नहीं मिली है.
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8 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद शिवसेना पर दावेदारी को लेकर विवाद शुरू हो गया है.उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट दोनों ही शिवसेना पर अपने-अपने दावे ठोक रहे हैं. दोनों खेमें की लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी.
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