डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की कड़ी फटकार और चेतावनी के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को पांच नए न्यायाधीशों की नियुक्त पर मुहर लगा दी. कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में ही इन नामों की सिफारिश की थी. इनकी नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से नाराजगी जताई थी. सोमवार को ये शपथ ले सकते हैं. जिसके बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 हो जाएगी.
बता दें कि जिन पांच जजों को नियुक्ति हुई है, उनमें राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल, पटना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल है.
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जानकारी के मुताबिक, अगले सप्ताह की शुरुआत में ये पांचों न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल संख्या 32 हो जाएगी. फिलहाल शीर्ष अदालत में भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सहित 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि सीजेआई सहित इसकी स्वीकृत संख्या 34 है. ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में सरकार की ओर से देरी पर कड़ी टिप्पणियों के बीच आई है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन पांच नियुक्तियों का पीठ की टिप्पणी से कोई लेना-देना नहीं है और ये नियुक्तियां केंद्र द्वारा सुविचारित निर्णय के बाद की गई हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को न्यायाधीशों के नियुक्ति की सिफारिशों को मंजूरी देने में केंद्र सरकार द्वारा देरी किए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा था, 'यह काफी गंभीर मुद्दा है. हमें ऐसा कदम उठाने के लिए बाध्य नहीं करें जो बहुत असहज होगा.' सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किए गए नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से कथित देरी से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी. इस मामले में अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी. कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए पांच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की थी.
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