Sahara प्रमुख सुब्रत राय को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 26, 2022, 06:41 PM IST

सुब्रत राय (फाइल फोटो)

सुम्रीम कोर्ट (Supreme Court) 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली SFIO की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ था.

डीएनए हिंदी: सहारा प्रमुख सुब्रत राय (Sahara Subrata Roy) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सहारा समूह से संबंधित 9 कंपनियों की ‘सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस’ (SFIO) जांच पर रोक लगाने का दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश गुरुवार को रद्द कर दिया. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अवकाशकालीन पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एसएफआईओ की अपील को मंजूरी दे दी.

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला मामले में जांच पर रोक लगाने के लिए उचित नहीं था. वैधानिक कॉरपोरेट धोखाधड़ी जांच एजेंसी SFIO ने दिल्ली हाईकोर्ट के 13 दिसंबर 2021 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. हाईकोर्ट ने सहारा समूह के प्रमुख और अन्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई और लुकआउट नोटिस समेत सभी कार्रवाइयों पर रोक लगा दी थी. उच्च न्यायालय ने सहारा समूह से संबंधित नौ कंपनियों की जांच के लिए एसएफआईओ के दो आदेशों के क्रियान्वयन पर भी रोक लगा दी थी.

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लुकआउट सुर्कलर पर जताई आपत्ति
सुम्रीम कोर्ट 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एसएफआईओ की अपील को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के संबंध में विचार के वास्ते सहमत हो गया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तब सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि एक अन्य पीठ के सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ लुकआउट सुर्कलर पर हाल में रोक लगाने के संबंध में याचिकाकर्ता (SFIO) की ओर से कुछ आपत्तियां हैं.

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SFIO ने की थी तत्काल सुनवाई की अपील
एसएफआईओ ने अपनी अपील पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वाली याचिका में कहा था, ‘याचिकाकर्ता एसएफआईओ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतिम फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने प्रतिवादी एक से लेकर तीन को मनमाने तरीके से अंतरिम राहत देते हुए केंद्र सरकार के 31 अक्टूबर 2018 और 27 अक्टूबर 2020 के जांच आदेश के क्रियान्वयन रोक लगा दी थी और प्रतिवादियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाइयों और लुकआउट नोटिसों समेत सभी कार्रवाइयों पर रोक लगा दी थी.’ 

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