Nupur Sharma को फटकार लगाने वाले जस्टिस पारदीवाला का सुझाव, 'सोशल मीडिया पर लगाम लगाए सरकार'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 03, 2022, 05:50 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के जज जेबी पारदीवाला (फाइल फोटो)

जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Paradiwala) ने कहा कि भारत में विचारों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार कानून बनाए.

डीएनए हिंदी: पैंगबर मोहम्मद मामले में नूपूर शर्मा को फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Paradiwala) ने केंद्र सरकार की सलाह दी है कि वो सोशल मीडिया पर लगाम लगाने के लिए कानून बनाए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर आधा सच, सबूत, न्यायिक प्रक्रिया, सीमाओं और आधी-अधूरी जानकारी रखने वाले लोग हावी होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया को नियत्रंण करने पर विचार करना चाहिए.

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि संवदेनशील में मामलों में सोशल मीडिया द्वारा ट्रायल न्यायिक प्रक्रिया में अवरोध पैदा करता है. सरकार को संसद में इसके लिए कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट कंस्ट्रक्टिव आलोचनाओं को स्वीकार करती है, लेकिन न्यायाधीशों पर निजी हमले स्वीकार नहीं हैं. 

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जज पारदीवाला ने कहा कि भारत में विचारों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर कोई भी कानून मौलिक अधिकार का उल्लघंन करता है तो यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. देश में इनके आधार पर न्यायालयों को कानूनों पर फैसला लेना का अधिकार दिया गया है

SC 'कानून का शासन' के हिसाब से ले फैसला
उन्होंने कहा कि कानून का शासन भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता है. जनता की राय को कानून के अधीन होना चाहिए. मुझे विश्वास है कि किसी भी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को केवल 'कानून का शासन' ध्यान में रखकर ही फैसला करना चाहिए. न्यायिक फैसले जनता की राय से प्रभावित नहीं हो सकते.

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तानाशाह सरकार भी खुद को करती है सही साबित
पारदीवाला ने आगे यह भी कहा कि एक तानाशाह सरकार भी दावा कर सकती है कि वह कानून के मुताबिक वह सरकार चला रही और कानून का पालन कर रही है. कानून के शासन की बारीकी से जांच की जानी चाहिए.

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