'फिर अतीत में नहीं लौटा जा सकता', नोएडा मेट्रो रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 08, 2023, 09:55 AM IST

Noida metro

सुप्रीम कोर्ट NGT उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि नोएडा मेट्रो को पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता है.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नोएडा मेट्रो का संचालन पर रोक लगाने से शनिवार को इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा मेट्रो (Noida Metro) रेल परियोजना का काम पूरा हो गया है और इस लाइन पर काफी समय से मेट्रो ट्रेन का संचालन जारी है. ऐसे में पर्यावरण मंजूरी के अभाव में इस लाइन पर मेट्रो के परिचालन रोक नहीं लगाई जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि फिर अतीत में लौटा नहीं जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के 31 मई 2016 के उस आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें निर्देश दिया गया था कि सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को उचित पर्यावरण प्रभाव आकलन के बाद पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता है. जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंट ने कानूनी सवाल को खुला रखते हुए कहा कि दिल्ली और नोएडा में मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर जनता कर रही है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये बात
पीठ ने कहा, 'यह देखते हुए कि जब पूरा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है और मेट्रो रेल चल रही है, तो फिर अतीत में लौटा नहीं जा सकता और यह व्यापक जनहित में होगा भी नहीं. इन परिस्थितियों में हम कानून के सवालों को खुला रखते हुए वर्तमान अपीलों का निपटारा करते हैं.' 

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शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले के स्पेशल फेक्ट और परिस्थितियों को देखते हुए NGT के आदेश पर कार्रवाई नहीं की जा सकती. एनजीटी ने माना था कि सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को उचित पर्यावरण प्रभाव आकलन करने के बाद पर्यावरण मंजूरी की आवश्यकता होती है. एनजीटी का आदेश पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड की ओर से दायर एक याचिका पर पारित किया गया था.

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