Swami Prasad Maurya Arrest Warrant: हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ लगातार बयानबाजी से विवादों में फंसे स्वामी प्रसाद मौर्य सभी राजनीतिक दलों के किनारा कर लेने से पहले ही परेशानी में हैं. अब उनके लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है. मौर्य और उनकी सांसद बेटी संघमित्रा के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है. यह वारंट संघमित्रा के तलाक से जुड़े मामले में लखनऊ की MP-MLA कोर्ट ने गुरुवार को दोनों के सुनवाई पर पेश नहीं होने के कारण जारी किया है. संघमित्रा भाजपा के टिकट पर मौजूदा सांसद हैं, जिन्हें इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है.
क्या है पूरा मामला
दीपक कुमार स्वर्णकार नाम के एक व्यक्ति ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने खुद को सांसद संघमित्रा का पति बताया है. दीपक का आरोप है कि स्वामी प्रसाद और संघमित्रा ने उसे झूठे तथ्य बताकर ये शादी कराई थी. साथ ही उसने अपने ऊपर जानलेवा हमला कराने का भी आरोप लगाया है. दीपक का आरोप है कि संघमित्रा ने लोकसभा चुनाव 2019 के समय नामांकन के समय दिए हलफनामे में विवाह के संबंध में गलत जानकारी दी है. उसने संघमित्रा पर बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने का भी आरोप लगाया है. इस मामले में कोर्ट ने संघमित्रा के साथ ही उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य, मां शिवा मौर्य और भाइयों के अलावा सूर्य प्रकाश शुक्ला उर्फ पिंटू व रितिक सिंह को भी मारपीट, धमकी और साजिश का आरोपी मानते हुए पेश होने के लिए समन भेजा था.
समन भेजने पर भी पेश नहीं हुआ मौर्य परिवार
कोर्ट के समन के हिसाब से मौर्य परिवार को 4 अप्रैल (गुरुवार) को पेशी पर आना था, लेकिन इनमें से कोई भी लखनऊ की MP-MLA कोर्ट के सामने पेश नहीं हुआ. इसके चलते कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सभी लोगों को गिरफ्तार करके पेश करने के लिए वारंट जारी किया है, इस मामले में अगली सुनवाई 16 अप्रैल को रखी गई है.
संघमित्रा का कट गया है इस बार टिकट
एकसमय बसपा के दिग्गज नेताओं में रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले अचानक पार्टी छोड़ दी थी और भाजपा जॉइन कर ली थी. स्वामी प्रसाद के जुड़ने के बदले भाजपा ने उनकी बेटी संघमित्रा को बदायूं सीट से टिकट दिया था. संघमित्रा चुनाव जीतकर सांसद बनी थी. स्वामी प्रसाद के लगातार हिंदू देवी-देवताओं को बुरा-भला कहने पर ऐतराज जताए जाने के बाद उन्होंने भाजपा को अलविदा कहकर सपा से नाता जोड़ लिया था, लेकिन संघमित्रा ने भाजपा छोड़ने से इंकार कर दिया था. इसके बावजूद भाजपा ने इस बार संघमित्रा को टिकट नहीं दिया है. उनकी जगह बदायूं सीट से ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को मौका दिया गया है. संघमित्रा अपना टिकट कटने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बदायूं में हुई सभा में भरे मंच पर रोती हुई भी दिखाई दी थी, जिसका वीडियो बेहद वायरल हुआ था.
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