Swati Maliwal Assault Case: आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्य सभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट करने के आरोपी बिभव कुमार पांच दिन के लिए पुलिस रिमांड पर रहेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के पीए बिभव कुमार (Bibhav Kumar) को शनिवार दोपहर बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद बिभव का मेडिकल कराकर दिल्ली पुलिस ने उन्हें मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में पेश किया था, जहां पुलिस ने 7 दिन के रिमांड की मांग की थी. दिल्ली पुलिस ने 13 मई को मुख्यमंत्री आवास में हुई मारपीट की घटना के बाद बिभव कुमार द्वारा मुंबई में अपना फोन फॉर्मेट करने की जानकारी कोर्ट को दी थी. साथ ही कहा था कि डाटा रिकवर करने के लिए बिभव कुमार को मुंबई ले जाना होगा. इसके अलावा भी बिभव से पूछताछ में कई बातों की पुष्टि करने की जरूरत दिल्ली पुलिस ने बताई थी. हालांकि बिभव कुमार के वकीलों ने रिमांड पर सौंपे जाने का विरोध किया, लेकिन मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने बिभव कुमार को 5 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपने का फैसला सुनाया है.
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सीएम आवास की DVR है गायब
दिल्ली पुलिस के वकील ने रिमांड की मांग करते हुए कोर्ट को घटनास्थल यानी सीएम आवास से 13 मई के दिन की सीसीटीवी फुटेज की DVR गायब होने की जानकारी दी. वकील ने कोर्ट को बिभव का रिमांड दिए जाने के लिए निम्न कारण गिनाए-
बिभव ने नहीं दिया मोबाइल फोन का पासवर्ड
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि बिभव कुमार ने अपने मोबाइल का पासवर्ड अब तक नहीं दिया है. उसने मोबाइल में खराबी की बात कहकर मुंबई में फोन फॉर्मेट कराने की जानकारी दी है. बिभव को मुंबई ले जाकर मोबाइल से हटा डाटा रिकवर कराना होगा. उसका मोबाइल फोन भी किसी एक्सपर्ट से खुलवाने के लिए उसकी मौजूदगी जरूरी है.
बिभव के वकील ने विपक्ष में दी हैं ये दलीलें
पुलिस की दलीलों का बिभव कुमार के वकील राजीव मोहन ने विरोध किया. उन्होंने स्वाति मालीवाल पर बिना अपॉयंटमेंट लिए सीएम आवास पहुंचने का आरोप लगाया. साथ ही दिल्ली पुलिस द्वारा फैक्ट्स को तोड़ने-मरोड़ने की बात कही. एडवोकेट मोहन ने कहा कि 13 मई से पहले मालीवाल के सीएम आवास पर जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं था और ना ही उन्होंने 16 मई को FIR दर्ज कराने का कारण को स्पष्ट किया है. एडवोकेट मोहन ने तर्क दिया कि मालीवाल चोट लगने के मुद्दे का राजनीतिकरण करते हुए मीडिया में बयान दे रही हैं. एडवोकेट मोहन ने जांच के लिए बिभव कुमार के मोबाइल फोन की भी जरूरत नहीं होने की दलील दी. उन्होंने कहा कि मालीवाल ने फोन या व्हाट्सएप कॉल पर धमकी देने का कोई आरोप नहीं लगाया है. ऐसे में पासवर्ड देना जरूरी नहीं है.
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