Tejashwi ने दिया Nitish को ऑफर, RJD बोली- खरमास के बाद आएगा भूचाल

| Updated: Jan 06, 2022, 09:08 PM IST

तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार के मुद्दों पर नीतीश कुमार बीजेपी के कारण पीछे न हटें, महागठबंधन उनके साथ है.

डीएनए हिंदी : बिहार की राजनीति में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा को छोड़कर अन्य सभी राजनीतिक दल एक ही विचार रखते हैं और RJD नेता तेजस्वी यादव इसे बिहार की सत्ता परिवर्तन का केंद्र बनाने की कोशिश में है. उनके एक बयान के बाद ये चर्चाएं फिर से होने लगी हैं कि क्या राज्य में RJD और JDU फिर से सरकार बना सकते हैं. इस प्रश्न की वजह यह है कि तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को साथ आने का ऑफर दिया है. 

जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाएं नीतीश

आरजेडी ने बिहार की राजनीति को लेकर ऐलान किया है कि खरमास के बाद एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो सकता है. इस मुद्दे को लेकर बिहार के आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार को जातिगत जनगनणना के वादे पर आगे बढ़ना चाहिए और यदि कोई मंत्री (बीजेपी कोटे से) उनकी बात नहीं मानता है तो हटा देना चाहिए.”

नीतीश का साथ देगी RJD 

बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि RJD नीतीश कुमार का बीजेपी के खिलाफ खड़े होने में पूरा साथ देगी. उन्होंने कहा, “यदि सरकार के सामने कोई संकट आता है तो आरजेडी साथ देने को तैयार है.” आरजेडी के प्रवक्ता ने कहा, “तेजस्वी यादव नीतीश का साथ देने के लिए तैयार हैं और खरमास के बाद बिहार में बड़ा भूचाल आने वाला है.”

इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा, ''यह खुला संदेश है नीतीश कुमार जी को. जो अहम मुद्दे हैं बिहार के हित के, बिहार के 12 करोड़ जनता का वाजिब हक है, विशेष राज्य का दर्जा और जातिगत जनगणना, उस पर जो मुख्यमंत्री ने स्टैंड लिया है, उससे वह पीछे ना हटें. यह संदेश तेजस्वी यादव ने दिया है.”

RJD ने नीतीश को मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया है. मृत्युंजय झा ने कहा, “मुख्यमंत्री के किसी फैसले का कोई कैबिनेट मंत्री विरोध करता है तो उसे निकाला जाना चाहिए. मुख्यमंत्री जी यदि आपको लगता है कि आपके फैसले पर बीजेपी बाधा पहुंचा रही है, बिहार को वाजिब हक दिलाने में बीजेपी बाधक है तो आप निर्णय लीजिए.‌ आपके पास आरजेडी और महागठबंधन का समर्थन है.” 

क्या फिर पलटेगी बिहार की राजनीति 

बिहार की राजनीति पिछले दस सालों में पलटने वाली ही रही है. ऐसे में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोरों से उठना ये प्रश्न खड़ा कर रहा है कि क्या बिहार की राजनीति में एक बार फिर नीतीश और तेजस्वी की जोड़ी साथ आ सकती है, या तेजस्वी का बयान हवा-हवाई राजनीति से ही प्रेरित है.