डीएनए हिंदी: तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और उनके राजनीतिक दल के लिए आज का दिन बड़े झटके लेकर आया है. आज उनकी पार्टी भारत राष्ट्र समिति के के करीब एक दर्जन से ज्यादा नेता कांग्रेस में शामिल हो गए. इन नेताओं में पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक शामिल हैं. इन सभी नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व सांसद राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ली है.
कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व मंत्री सपल्ली कृष्ण राव, पूर्व विधायक पन्याम वेंकटेश्वरलु, कोरम कनकैया और कोटा राम बाबू है. बता दें कि BRS के एमएलसी नरसा रेड्डी के बेटे राकेश रेड्डी भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
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विपक्षी दलों की बैठक के बाद KCR को लगा झटका
साल 2023 के अंत में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव से कुछ महीने पहले पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं ने बीआरएस को बड़ा झटका दिया है. बता दें कि 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग में भारत राष्ट्र समिति का कोई नेता नहीं था. ऐसे में इस मीटिंग के तुरंत बाद BRS के नेताओं ने कांग्रेस जॉइन की है.
KTR ने विपक्षी एकता पर उठाए थे सवाल
बता दें कि विपक्षी बैठक में शामिल न होने के लिए अपनी पार्टी का समर्थन करते हुए सीएम केसीआर के मंत्री बेटे केटीआर ने कहा था कि विपक्षी पार्टियां सत्ता से "किसी को बेदखल" करने के लिए "जुनूनी" हो गई हैं. उन्होंने कहा था कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई देश के सामने खड़ी प्रमुख चुनौतियों पर होनी चाहिए. दुर्भाग्य से, हम वहां हार रहे हैं. ऐसा लगता है कि हम किसी को जबरन हटाने या किसी को वहां बैठाने के लिए जुनूनी और चिंतित हैं. यह एजेंडा नहीं होना चाहिए.
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गौरतलब है कि पटना की विपक्षी बैठक में यह तय किया गया था कि अगली बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में जल्द ही शिमला में हो सकती है. ऐसे में विपक्षी एकता से अलग राह चुनने के बाद तेलंगाना में सीएम केसीआर के खिलाफ कांग्रेस विधानसभा चुनाव के पहले रणनीति बनाने लगी है.
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