डीएनए हिंदी: कांग्रेस ने तेलंगाना में इतिहास रचा है. के चंद्रशेखर राव की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को बड़ा झटका देते हुए भारत राष्ट्र समिति को कांग्रेस ने बुरी तरह हराया है. दक्षिणी राज्यों में कांग्रेस का जलवा लगातार बरकरार है. कर्नाटक के बाद अब तेलंगाना का द्वार भी कांग्रेस ने तोड़ दिया है. दक्षिण के जरिए कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनावों में उतरने की राह बना रही है. कांग्रेस ने तेलंगाना में 64 विधानसभा सीटों पर रविवार को जीत हासिल की और पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया.
कांग्रेस ने मई में तेलंगाना के पड़ोसी राज्य कर्नाटक में भाजपा को करारी शिकस्त देकर अपनी सरकार बनाई थी. तेलंगाना में, बीआरएस के लगभग 10 वर्ष से चले आ रहे शासन पर रविवार को विराम लग गया. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखऱ राव ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया, जिसे राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने स्वीकार कर लिया.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में बीआरएस ने 39 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव (2018) में वह 101 सीटों पर विजयी रही थी. कांग्रेस ने 118 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 64 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि इसके सहयोगी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने एक सीट पर जीत दर्ज की.
AIMIM ने जीती कितनी सीटें?
वहीं, असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने अपनी सातों सीटें बरकरार रखी हैं. कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने तेलंगाना की राज्यपाल सौंदर्यराजन से मुलाकात की और राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया.
राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक मंगलवार सुबह होगी. शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज, हमारे प्रभारी महासचिव (कांग्रेस के) माणिकराव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और हमारे सभी एआईसीसी पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में, हमने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख ए रेवंत रेड्डी राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. उन्होंने राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की, जो चार या नौ दिसंबर को होने की संभावना है. रेड्डी ने कांग्रेस को मिले जनादेश का स्वागत किया, जबकि बीआरएस हैट्रिक नहीं लगा सकी.
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