डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर सहित कई शहरों में कोरोना के मामले (Covid Cases) तेजी से बढ़ रहे हैं. इसे देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को मंत्रालय, पुलिस, प्रशासन और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बैठक की. ये मीटिंग करीब तीन घंटे चली.
सीएम ने कहा कि 3 जनवरी से प्रदेश में नाइट कर्फ्यू को लेकर सख्ती की जाएगी. गहलोत ने कहा कि पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में भी वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना अनिवार्य किया जा सकता है. ऐसा नहीं होने पर 1 फरवरी से घर से निकलने की अनुमति नहीं दी जाए.
उन्होंने कहा कि कोविड नियमों की पालना नहीं हुई तो सरकार 3 जनवरी से सख्त एवं एहतियाती कदम उठाने को मजबूर होगी. गहलोत ने कहा कि संक्रमण की घातकता से बचाने में वैक्सीन सबसे कारगर है. ऐसे में 31 जनवरी तक सभी पात्र लोगों को दूसरी डोज अनिवार्य रूप से लगाई जाए, इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संक्रमण का समय पर पता लगाकर इसका प्रसार रोकने के लिए टेस्टिंग बढ़ाएं और सघन कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन इलाकों में अधिक केस आ रहे हैं, वहां कन्टेनमेंट जोन की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर सहित सम्पूर्ण प्रदेश में अभियान चलाकर शत-प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगाने के लिए प्रेरित किया जाए. मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे 31 जनवरी तक सम्पूर्ण वैक्सीनेशन आवश्यक रूप से कराएं.
चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 8 राज्यों में सख्त उपाय बरतने के निर्देश दिए हैं. राजस्थान भी इनमें शामिल है. चिकित्सा विभाग प्रदेशभर में टेस्टिंग सहित तमाम व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहा है.
प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि जयपुर में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन, नाइट कर्फ्यू, होम क्वारंटीन आदि व्यवस्थाओं को पहले की तरह प्रभावी बनाना होगा. साथ ही, अंतिम संस्कार, शादी समारोह, धार्मिक स्थल सहित अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों की संख्या को और सीमित किया जा सकता है.
जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि 20 दिसम्बर को जिले में एक्टिव केसों की संख्या 83 थी, जो 30 दिसम्बर को बढ़कर 521 हो गई है. गुरुवार को एक ही दिन में 185 पॉजिटिव केस मिले हैं. प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए शहर को 23 जोन में बांटकर आरएएस अधिकारियों को इन्सीडेंट कमांडर के रूप में जिम्मेदारी दी गई है.