डीएनए हिंदी: केरल के बाद अब ओडीशा में टोमैटो फीवर से जुड़े 26 मामले सामने आए हैं. मंगलवार को सामने आई आधिकारिक जानकारी के अनुसार यहां 26 बच्चे इस संक्रामक बीमारी से पीड़ित बताए गए हैं. स्वास्थय सेवा निदेशक बिजय मोहापात्रा ने बताया कि यहां भुवनेश्वर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर में 36 सैंपल्स की जांच की गई थी, इनमें से 26 HFMD पॉजिटिव पाए गए. इनमें से 19 भुवनेश्वर से हैं, 5 पुरी से और 2 कटक से.
संक्रमित होने वाले बच्चे 1-9 आयु वर्ग के हैं. इन्हें 5-7 दिन तक आइसोलेशन में रखा जा रहा है. यह बीमारी वयस्कों की तुलना में बच्चों को काफी तेजी से शिकार बनाती है. इससे पहले इस महीने की शुरुआत में केरल में टोमैटो फ्लू के 80 मामले सामने आए थे.
क्या है टोमैटो फ्लू?
टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) एक प्रकार की संक्रामक बीमारी है. यह 9 साल से कम उम्र के बच्चों में पाई गई है. फ्लू से संक्रमित बच्चों के शरीर पर चकत्ते और छाले नजर आ रहे हैं. देखने में लाल-लाल दाने जैसे फोड़े शरीर पर निकल रहे हैं. यही वजह है कि इसे टोमैटो फीवर कहा जा रहा है.
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क्या हैं टोमैटो फ्लू के लक्षण?
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर विनय मिश्र के मुताबिक टोमैटो फ्लू से संक्रमित लोगों को पहले बुखार होता है फिर त्वचा पर दाने पड़ने लगते हैं. उन्हें खुजली होने लगती है. कुछ मरीजों में डिहाइड्रेशन (Dehydration) के लक्षण भी सामने आए हैं. कुछ मरीजों ने थकान, घुटने में दर्द, पेट में दर्द, डायरिया और कफ की परेशानियां भी बताई हैं. कुछ मरीजों में नाक बहने के भी लक्षण देखे गए हैं. ज्यादातर मरीज तेज बुखार की समस्या से जूझ रहे हैं.
क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स का सुझाव है टोमैटो फ्लू से संक्रमित मरीजों को तत्काल आइसोलेट (Isolation) कर दिया जाए. टोमैटो फ्लू बेहद संक्रामक है ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि वह संक्रमण रोकने के सभी उपाय अपनाएं. साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें. ऐसी स्थिति में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिएं. किसी अन्य व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आने से बचें.
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