Tirupati Laddu में चर्बी मिलाने की जांच रुकी, Andhra Pradesh के DGP ने बताया है ये कारण

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Oct 01, 2024, 05:08 PM IST

Tirupati Laddu Row: तिरुपति मंदिर के लड्डू में पिछली सरकार के दौरान जानवर की चर्बी वाला घी मिलाने के दावे के बाद हंगामा मचा हुआ है. आंध्र प्रदेश पुलिस ने इसकी जांच SIT को सौंपी थी, लेकिन अब इस जांच को दो दिन के लिए रोक दिया गया है.

Tirupati Laddu Row: पूरी दुनिया में आस्था के केंद्र तिरुपति तिरुमाला मंदिर (Tirupati Tirumala Temple) के प्रसाद में मिलने वाले लड्डुओं से जुड़े विवाद की जांच फिलहाल रोक दी गई है. पिछली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू को बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवर की चर्बी मिलाए जाने के दावे के बाद हंगामा मचा हुआ है. इस हंगामे के चलते पूरे विवाद की जांच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के निर्देश पर पुलिस का विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई थी, लेकिन मंगलवार (1 अक्टूबर) को SIT जांच को बीच में ही रोक दिया गया है. आंध्र प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने इस बात की जानकारी सभी को दी है. DGP ने इस विवाद से जुड़े केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चलने के कारण फिलहाल जांच को निलंबित किए जाने की जानकारी दी है. 

कब तक रुकी रहेगी जांच?

DGP आंध्र प्रदेश द्वारका तिरुमाला राव ने मंगलवार को कहा,'सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद की सुनवाई चल रही है. इस कारण एसआईटी जांच को 3 अक्टूबर तक के लिए रोक दिया गया है. एसआईटी का गठन तिरुपति लड्डू प्रसादम केस (Tirupati Laddu Prasadam Case) की जांच के लिए किया गया है. इस जांच की प्रामाणिकता बनाए रखने के लिए इस पर एहतियातन रोक लगाई गई है.'

SIT के खिलाफ सुनवाई कर रहा है सुप्रीम कोर्ट

DGP ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में SIT गठन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. इसे लेकर सोमवार को भी सुनवाई हुई है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में हमारी टीम ने IG लेवल के अफसर के नेतृत्व में दौरा किया है. इस दौरे में TTD से जुड़े स्थानों के अलावा खरीद और सैंपल से जुड़ी जगहों की भी जांच की गई है. कुछ लोगों के बयान दर्ज हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जांच कुछ समय के लिए रोकने को कहा था, जिसका पालन करते हुए हमने 3 अक्टूबर तक रोक लगा दी है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कही थी भगवान और राजनीति को अलग-अलग रखने की बात

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को सुनवाई की थी. सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा था कि भगवान और राजनीति को अलग-अलग रखा जाना चाहिए. याचिका में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के प्रसाद को लेकर लगाए आरोपों की जांच कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि जब लड्डू के घी में जानवर की चर्बी मिलाए जाने की जांच चल रही है तो यह मुद्दा मीडिया के सामने उठाने की क्या जरूरत थी? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब आप खुद ही कंफर्म नहीं हैं तो इस पर जनता की भावनाएं भड़काने वाला बयान क्यों दिया गया?

'सुप्रीम कोर्ट नहीं बोला कि लड्डू में मिलावट नहीं'

सुप्रीम कोर्ट के बयान के बाद फिल्म अभिनेता व आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने कहा है कि कोर्ट ने लड्डू में मिलावट नहीं होने की बात नहीं कही है. कोर्ट ने केवल उस जानकारी पर कमेंट किया है, जो उसे दी गई थी. जजों ने एक बार भी लड्डू को शुद्ध नहीं बताया है. यह सिर्फ प्रसाद का मामला नहीं है. पिछले 5 वर्षों में कैसे प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है. हमारी सरकार इस पर आगे बढ़ रही है.

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