Aditya-L1 मिशन पर मंडरा रहा खतरा, सौर तूफान कहीं बिगाड़ न दे प्लान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 20, 2023, 11:08 AM IST

आदित्य L-1 मिशन सूर्य के बाहरी सतह का अध्ययन करेगा.

ISRO का सौर मिशन आदित्य L-1, 2 सितंबर को लॉन्च हुआ था. अगले 4 महीने यह लग्रेंज पॉइंट 1 तक पहुंच जाएगा लेकिन अब सौर तूफान का डर सता रहा है.

डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का मिशन आदित्य एल-1 अब मुश्किलों में फंसता नजर आ रहा है. नासा (NASA) ने कोरोनल मास इंजेक्शन से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया है, जिसके बाद वैज्ञानिक चिंता में हैं. यह पार्कर सोलर प्रोब का तूफान से टकराने का एक वीडियो है. अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने सूर्य के बाहरी सतह की पड़ताल करने के लिए पार्कर सोलर प्रोब को साल 2018 लॉन्च किया था. यह कोरोना की स्टडी के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया था. किसी तरह पार्कर सोलर प्रोब बच पाया था लेकिन अब आदित्य एल-1 मिशन पर भी खतरा मंडरा रहा है.

NASA ने आशंका जताते हुए कहा है कि अंतरिक्ष में सौर गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं. सौर तूफान, अपनी तीव्रता के उच्चतम स्तर पर है. सौर तूफान धरती के बाएं, दाएं और केंद्र से टकरा रहे हैं, जिसका असर देखने को मिल सकता है. दूसरे ग्रहों पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.

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नासा पर भी पड़ चुका है सौर तूफान का असर
पार्कर सोलर प्रोब नासा का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. नासा ने जानने की कोशिश की थी कि क्या कोरोनल मास इंजेक्शन के जरिए तारे के चारों कक्षा में ग्रहों की धूल की गतिविधियां देखी जा सकती हैं. क्या इन्हें बाहर ले जाया जा सकता है. नासा अंतरिक्ष के मौसम की सटीक भविष्यवाणी के लिए भी इसे लॉन्च किया था. 

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खुद नासा इस सौर तूफान का सामना कर चुका है. किसी तरह नासा का उपग्रह बच पाया था. नासा के हाथ कुछ अहम आंकड़े भी इस तूफान के दौरान लगे थे. आदित्य एल-1 मिशन पर भी इस सौर तूफान का असर पड़ सकता है. वैज्ञानिक इस आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं.

क्‍या आदित्‍य एल-1 पर पड़ेगा असर?
कोरोनल मास इंजेक्शन आदित्य एल-1 से भी टकरा सकता है. आदित्य एल-1 इस तूफान से बच सकता है क्योंकि यह धरती से महज 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है. भारतीय अंतरिक्ष यान में कई ऐसी धातुएं लगी हैं जो सौर तूफानों से इसे बचा सकती हैं. प्रतिकूल मौसम के असर से भी यह बच सकता है.

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