Hyderabad में आज कराई जाएगी दो ट्रेनों की टक्कर, रेल मंत्री भी रहेंगे ट्रेन में सवार

| Updated: Mar 04, 2022, 11:21 AM IST

रेल मंत्रालय ने एक अनोखी तकनीक 'कवच' विकसित की है. यह तकनीक इतनी सटीक है कि अगर दो ट्रेन पूरी रफ्तार में आमने-सामने आ जाएं तो भी टक्कर नहीं होगी.

डीएनए हिंदी: भारतीय रेलवे (Indian Railways) के लिए आज यानी शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक होगा. आज हैदराबाद के सिकंदराबाद में 12:30 बजे दो ट्रेनों की आमने-सामने की टक्कर कराई जाएगी. इस दौरान एक ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी सवार होंगे. 

क्या है पूरा मामला
दरअसल लंबे शोध के बाद रेल मंत्रालय ने एक अनोखी तकनीक 'कवच' विकसित की है. अफसरों की मानें तो यह तकनीक इतनी सटीक है कि अगर दो ट्रेन पूरी रफ्तार में आमने-सामने आ जाएं तो भी टक्कर नहीं होगी. लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में खुद ब खुद ब्रेक लग जाएगा और पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएंगी. साथ ही पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा. इसी भरोसे को परखने के लिए आज खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और तमाम वरिष्ठ अधिकारी ट्रेन में सवार होंगे. 

'खुद-ब-खुद रुक जाएगी ट्रेन'
अधिकारियों के अनुसार, लाल सिग्नल पर कवच तकनीक युक्त ट्रेन को फुल स्पीड पर पार करने का परीक्षण किया जाएगा. ऐसा करने पर ट्रेन में सिग्नल के 500 मीटर पहले ही ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे और पांच किलोमीटर के दायरे में सभी चलती हुई ट्रेनें अपने आप रुक जाएंगी. 

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क्या हैं खूबियां?
उन्होंने आगे बताया कि ट्रेन चलाते समय कवच तकनीक  लोको पॉयलट के सभी क्रियाकलापों जैसे ब्रेक, हार्न, थ्रोटल हैंडल आदि की मॉनिटरिंग करती है. इस दौरान अगर ड्राइवर से किसी भी प्रकार की चूक होती है तो कवच पहले ऑडियो या वीडियो के माध्यम से अलर्ट करेगा, वहीं अगर इसके बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है तो ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे. इसके अलावा कवच तकनीक के चलते ट्रेन केवल निर्धारित सेक्शन स्पीड तक ही चल सकती है. 

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस उन्नत वर्जन से पहले दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-चेन्नई, दिल्ली-जम्मू, चेन्नई-कोलकाता आदि व्यस्त रेल नेटवर्क को कवर किया जाएगा. कवच प्रणाली जीपीएस और रेडियो फ्रीक्वेंसी आदि तकनीक से चलाई जाएगी.

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