डीएनए हिंदी: चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल' चुनाव चिह्न दिया है. वहीं, पार्टी का नाम 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे' रखा है. आयोग ने एक आदेश जारी कर कहा कि उद्धव गुट आगामी विधानसभा चुनावों में जलती हुई मशाल चुनाव चिह्न इस्तेमाल करेगा. उधर, एकनाथ शिंदे से चुनाव आयोग ने अभी के लिए तीन विकल्प मांगे हैं, उसी के आधार पर उन्हें सिंबल दिया जाएगा.
हालांकि, चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम आवंटित कर दिया है. आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा 'त्रिशूल' और 'गदा' को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित किए जाने के दावे को भी खारिज कर दिया है. आयोग ने यह भी बताया कि दोनों गुट द्वारा मांगा गया 'उगता सूरज' चुनाव चिह्न तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के लिए आरक्षित था.
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उद्धव-शिंदे ने मांगा था त्रिशूल-सूरज
आयोग ने एकनाथ शिंदे को मंगलवार सुबह 10 बजे तीन चुनाव चिह्न के नाम देने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक पार्टियों को धार्मिक अर्थ रखने वाले चुनाव चिह्न आवंटित करने के मामले में कड़ा रुख अपना रखा है. शिवसेना के दोनों गुट उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने त्रिशूल और उगता हुए सूरज सिंबल देने की मांग की थी.
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गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए दावा किया था कि उनके पास शिवसेना के 55 में 40 विधायकों और 18 लोकसभा सदस्यों में से 12 का समर्थन प्राप्त है. उद्धव के इस्तीफे के बाद शिंदे ने बीजेपी की मदद से सरकार बनाने हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
(PTI इनपुट के साथ)
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