Udhampur Encounter: J-K Assembly Elections 2024 के प्रचार के बीच उधमपुर में एनकाउंटर, सेना ने ढेर किए दो आतंकी

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Sep 11, 2024, 06:47 PM IST

Udhampur Encounter: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच अचानक आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं. लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर बुधवार सुबह पाकिस्तानी सेना ने भी अखनूर सेक्टर में बिना बात फायरिंग की है.

Udhampur Encounter: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच आतंकवादी फिर से हरकत में आ गए हैं. बुधवार को उधमपुर जिले के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रहे भारतीय सुरक्षा बलों पर अचानक घात लगाकर बैठे आतंकियों ने हमला कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने भी जवाब में फायरिंग की. PTI ने इस फायरिंग में दो आतंकियों के मारे जाने की खबर दी है, जबकि दो आतंकी अब भी फरार हैं. इलाके में एनकाउंटर अब भी जारी है. इससे पहले बुधवार सुबह अखनूर सेक्टर में भी आतंकियों ने सीमापार से घुसपैठ करने की कोशिश की थी.

पाकिस्तानी सेना ने तोड़ा सीजफायर, भारतीय जवान घायल

अखनूर सेक्टर में 10-11 सितंबर की रात में करीब 2.35 बजे आतंकी घुसपैठ की कोशिश हुई. आतंकियों की तरफ से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर सीजफायर का उल्लंघन किया और भारी हथियारों से फायरिंग की. इस फायरिंग में बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया है. भारतीय सेना ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें पाकिस्तानी सेना के कई सैनिक घायल होने की सूचना है. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने इसकी पुष्टि अब तक नहीं की है.


यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से 7 दिन पहले फायरिंग, 1 जवान घायल, पाकिस्तान ने फिर की ये हिमाकत 


3 साल में 4 बार सीजफायर तोड़ चुका पाकिस्तान

जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को विधानसभा चुनावों का पहला चरण है. इससे पहले आतंकी लगातार एक्टिव हो रहे हैं. दो दिन पहले भी राजौरी में सीमापार से घुसपैठ की कोशिश हुई थी. अलर्ट भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसते ही घेर लिया था. आपसी फायरिंग में दो आतंकी मारे गए थे. इसके बाद अब फिर यही कोशिश हुई है. भारत-पाकिस्तान के बीच 25 फरवरी, 2021 को हुए सीजफायर समझौते के बाद से पाकिस्तानी सेना 4 बार खुद ही इसे तोड़ चुकी है.  

मोदी सरकार के तीसरी बार गठन के दिन से बढ़ीं आतंकी हरकतें

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण और राज्य को दो हिस्सों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद आतंकी वारदातें घट गई थीं. हालिया लोकसभा चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरी बार शपथ ग्रहण करने के दिन यानी 9 जून के दिन आतंकियों ने वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं की बस पर रियासी में अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं. इसे एक तरीके से आतंकियों का केंद्र सरकार को चुनौती देना माना गया था. इसके बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी लगातार अलग-अलग जिलों में हमलों को अंजाम देने में सफल हो रहे हैं. पिछले कुछ दिन से सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण आतंकी हरकतों पर अंकुश लगा था, लेकिन विधानसभा चुनाव के मतदान करीब आने के साथ ही फिर से आतंकी एक्टिव दिख रहे हैं.

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.