भारत विश्वगुरु है, यूक्रेन का समर्थन करना होगा Right Choice, पढ़ना चाहिए रूस से जारी युद्ध के बीच कीव का संदेश 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 11, 2023, 09:18 AM IST

Emine Dzhaparov India visit

Russia Ukraine War को लेकर भारत का कहना रहा है कि दोनों देश इस मुद्दे को बातचीत से सुलझाएं. इस बीच भारत दौरे पर आईं यूक्रेनी उप विदेश मंत्री ने भारत से समर्थन की मांग की है.

डीएनए हिंदी: यूक्रेन की पहली उप विदेश मंत्री एमीन झापरोव 4 दिवसीय भारत दौरे पर हैं. इस दौरान सोमवार को उन्होंने विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा से मुलाकात की. एमीन के भारत आने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया और उन्होंने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत विश्वगुरु है और उसे इस लिहाज से रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन का ही साथ देना चाहिए. 

यूक्रेनी उप विदेश मंत्री एमीन झापरोव ने कहा, “भारत की यात्रा करके खुशी हुई यह वह भूमि है जिसने कई ऋषियों, संतों और गुरुओं को जन्म दिया. आज, भारत विश्वगुरु, वैश्विक शिक्षक और मध्यस्थ बनना चाहता है. हमारे मामले में हमें अच्छे से मालूम है कि किस तरह से हम त्रासदी झेल रहे हैं. यूक्रेन का समर्थन करना ही सच्चे ‘विश्वगुरु’ के लिए सही विकल्प है.”

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भारत को शामिल करना महत्वपूर्ण

संजय वर्मा से मुलाकात को लेकर झापरोवा ने ट्वीट कर लिखा, “नई दिल्ली में सचिव (पश्चिम), एमएफआ संजय वर्मा के साथ मीटिंग करके बहुत खुशी हुई. बैठक के दौरान रूस के साथ चल रहे युद्ध के खिलाफ यूक्रेन के प्रयासों को लेकर जानकारी दी गई. राष्ट्रपति जेलेंस्की के शांति सूत्र और यूक्रेन से अनाज पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया. भारत को बोर्ड पर रखना महत्वपूर्ण है.”

दिग्गजों से करेंगी मुलाकात

बता दें कि झापरोवा विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मिलेंगीं. इसके बाद उनकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री से भी मुलाकात प्रस्तावित है. संजय वर्मा के साथ उनकी मुलाकात के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और आपसी हित के अलावा यूक्रेन की ताजा स्थिति पर भी चर्चा की है. 

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पीएम मोदी कई बार कर चुके हैं बात

गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है. पीएम मोदी दोनों को ही बातचीत से मुद्दे का हल करने का सुझाव देते रहे हैं. 

अहम बात यह है कि रूस यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार किसी भी पूर्वी यूरोपीय देश के नेता या अधिकारी का यह पहला भारतीय दौरा है. इसलिए इस यात्रा के जरिए यूक्रेन को भारत से काफी उम्मीदें हैं. 

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