उमेश पाल हत्याकांड: विधानसभा में योगी आदित्यनाथ की दहाड़, 'माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 25, 2023, 01:50 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो- PTI)

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड से उत्तर प्रदेश दहल गया है. योगी आदित्यनाथ ने इस मर्डर केस पर सपा को जमकर घेरा है.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड पर विधासभा में जमकर हंगामा बरपा है. विपक्षी दल इस हत्याकांड पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को घेरने की कोशिश की है. सीएम योगी ने प्रयागराज हत्याकांड पर भड़के सीएम योगी ने कहा कि मैं माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा.

योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने अतीक अहमद को पाला. समाजवादी पार्टी की मदद से ही अतीक अहमद सांसद बना. उसको संरक्षण मिला और ये हम पर सवाल उठा रहे हैं. माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा. प्रयागराज की घटना बेहद दुखद है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.'

मुश्किलों में घिरा गैंगस्टर अतीक अहमद का परिवार

उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मी की हत्या के मामले में पुलिस ने अतीक अहमद, अतीक के भाई, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद के दो बेटों और कई अन्य के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है.


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'अतीक अहमद को पाल रही थी सपा'

सीएम योगी ने विधानसभा में साफ कहा कि यूपी सरकार अपराध बर्दाश्त नहीं करती है. घटना में शामिल अपराधी को सपा ने पाला है. सपा ने माफिया पाला है, सपा ने उसे सांसद बनाया है. 

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सीएम योगी ने कहा, 'इस घटना के पीछे जिस माफिया का हाथ है वह इस वक्त प्रदेश में नहीं है. माफिया कोई भी हो, हमारी सरकार प्रदेश में माफिया राज नहीं चलने देगी. माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई होगी. विपक्ष चोरी और सीनाजोरी का काम नहीं करे.'


कौन था उमेशपाल, क्यों हत्याकांड पर हो रहा है हंगामा?

उमेशपाल प्रयागराज के बहुचर्चित राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था. उसके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की शुक्रवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. धूमनगंज थानाक्षेत्र में उमेश पाल के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने बम और गोली से हमला किया. इस हमले में उमेश पाल के अलावा उनके दो सुरक्षाकर्मी भी घायल हुए. स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में उमेश पाल की इलाज के दौरान मौत हो गई. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उमेश पाल के सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद की भी देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि दूसरे सुरक्षाकर्मी राघवेंद्र सिंह का इलाज चल रहा है. यह घटना उमेश पाल के घर के बाहर हुई है.

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हत्याकांड के बाद एक्शन में पुलिस

उमेश पाल पर दो बम फेंके गए और एक छोटे हथियार से गोली चलाई गई. उनके मुताबिक परिजन धूमनगंज थाना में तहरीर दे रहे हैं जिसके आधार पर विधिक कार्यवाही की जाएगी. पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए आठ से दस टीम लगा दी गई हैं और ये टीम अलग-अलग जगह गई हुई हैं. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि हमलावर कितनी संख्या में थे.

क्यों बरपा है हंगामा, क्यों हो रही है सियासत?

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना पर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्वीट किया, 'यह है उत्तर प्रदेश में ‘एनकाउंटर सरकार’ की झूठी छवि का ‘सच्चा एनकाउंटर’, जहां इलाहाबाद में सरेआम एक हत्याकांड के गवाह सहित दो पुलिसकर्मियों को बम-गोली से भून दिया गया. उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के तहत ऐसी सुरक्षा एवं क़ानून-व्यवस्था में आम जनता भयभीत है.'

कौन थे राजू पाल, किस पर है हत्या का आरोप?

राजू पाल बहुजन समाज पार्टी के विधायक थे और 2005 में उनकी हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल उस हत्याकांड के मुख्य गवाह थे. राजू पाल की हत्या में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद है जो गुजरात की एक जेल में बंद है. (इनपुट: भाषा)

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